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नेपाल में जेन-जेड आंदोलन: 34 मौतें, क्या सुशिला कार्की बनेंगी अंतरिम प्रधानमंत्री?

नेपाल में जेन-जेड आंदोलन में अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1,368 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अस्पतालों में 192 मरीजों का इलाज चल रहा है। आंदोलन के नेताओं ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशिला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन देने की घोषणा की है। इस बीच, प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के पीछे राजनीतिक हस्तक्षेप की आशंका जताई जा रही है। जानें इस आंदोलन की पूरी कहानी और क्या सुशिला कार्की बनेंगी अगली प्रधानमंत्री।
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नेपाल में जेन-जेड आंदोलन: 34 मौतें, क्या सुशिला कार्की बनेंगी अंतरिम प्रधानमंत्री?

नेपाल में जेन-जेड विरोध प्रदर्शन की स्थिति

Nepal Protest: नेपाल में चल रहे जेन-जेड विरोध प्रदर्शनों में अब तक 34 लोगों की जान जा चुकी है। स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय के अनुसार, इन प्रदर्शनों में 1,368 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

अधिकांश घायलों का इलाज कर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, लेकिन अभी भी 192 मरीज विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन हैं। संकट की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रपति भवन में नेपाल के सेना प्रमुख अशोक राज सिग्देल, मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत और CPN (Maoist Centre) के नेताओं की एक उच्च स्तरीय बैठक शुक्रवार को आयोजित की जाएगी।


अस्पतालों में भर्ती मरीजों की जानकारी

मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ प्रकाश बुधाथोकी ने बताया कि अब तक 949 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। वर्तमान में, 58 मरीज ट्रॉमा सेंटर, 48 सिविल सर्विस हॉस्पिटल, 35 काठमांडू मेडिकल कॉलेज, 25 त्रिभुवन विश्वविद्यालय टीचिंग हॉस्पिटल (TUTH) और 26 बीरेन्द्र मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती हैं।


क्या सुशिला कार्की होंगी अंतरिम प्रधानमंत्री?

जेन-जेड आंदोलन के नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशिला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन देने का ऐलान किया। नेताओं का मानना है कि उनकी ईमानदारी और निष्पक्षता के कारण उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।

जेन-जेड नेता दिवाकर डांगल ने कहा, "हम इस आंदोलन को भ्रष्टाचार के खिलाफ चला रहे हैं, जो देश में व्याप्त है।" वहीं, अन्य नेता जुनाल गडाल ने कहा, "सुशिला कार्की देश की संरक्षक के रूप में सर्वोत्तम विकल्प हैं।" काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर बलेंद्र शाह बालेन ने भी उनके समर्थन में बयान दिया है, जिससे उनकी उम्मीदवारी मजबूत हुई है।


हिंसा के पीछे राजनीतिक हस्तक्षेप की आशंका

जेन-जेड आंदोलन की शुरुआत शांतिपूर्ण रही, लेकिन प्रदर्शन के दौरान हिंसा की घटनाएं भी हुईं। आंदोलन के नेताओं का कहना है कि राजनीतिक दलों के हस्तक्षेप के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई।

जेन-जेड नेता अनिल बानिया ने कहा, "हमने शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान किया था, लेकिन राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने आगजनी और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया। हमारा मकसद संविधान में बदलाव नहीं, बल्कि आवश्यक संशोधन करना है।" स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है। काठमांडू में यह कर्फ्यू आज शाम 5 बजे तक जारी रहेगा और शनिवार को शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक फिर से लागू होगा।