नेपाल में जेनरेशन Z के विरोध प्रदर्शन में हिंसा, 19 की मौत

नेपाल में युवा प्रदर्शनकारियों का उग्र विरोध
नेपाल की राजधानी काठमांडू में सोमवार, 8 सितंबर को युवा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कानून प्रवर्तन एजेंसियों की कार्रवाई में चौदह लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए। हजारों युवा, जिन्हें 'जेनरेशन Z प्रदर्शनकारी' कहा जा रहा है, सरकार द्वारा कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ संसद के बाहर एकत्र हुए थे, जिनमें से कई स्कूल की वर्दी में थे। कुछ प्रदर्शनकारी संसद परिसर में घुस गए, जिसके बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। काठमांडू के कई हिस्सों में अब कर्फ्यू लागू है। यह पहली बार था जब नेपाल के युवा इस तरह से सड़कों पर उतरे। आयोजकों ने राजनीतिक दलों और उनकी युवा शाखाओं से दूर रहने का आग्रह किया।
हिंसक प्रदर्शन में 19 लोगों की जान गई
सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ काठमांडू और अन्य क्षेत्रों में सोमवार को हुए हिंसक प्रदर्शनों में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हुए। नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने मौजूदा हालात के कारण अपने पद से इस्तीफा दे दिया। स्थिति बिगड़ने के बाद नेपाली सेना को काठमांडू में तैनात किया गया है।
प्रधानमंत्री ओली ने दुख व्यक्त किया
प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने इन मौतों पर दुख व्यक्त किया और कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन में कुछ अवांछित तत्वों की घुसपैठ हुई, जिसके कारण सरकार को बल प्रयोग करना पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने का नहीं, बल्कि उन्हें नियंत्रित करने का था। ओली ने यह भी घोषणा की कि एक जांच समिति बनाई जाएगी जो 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा
काठमांडू में 'जेनरेशन Z' के बैनर तले हजारों युवा संसद भवन के सामने इकट्ठा हुए और प्रतिबंध को तुरंत हटाने की मांग की। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया जब कुछ प्रदर्शनकारी संसद परिसर में घुस गए, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। नेपाल पुलिस के प्रवक्ता विनोद घिमिरे ने बताया कि काठमांडू में हिंसक झड़पों में 17 लोगों की मौत हुई, जबकि सुनसरी जिले में पुलिस की गोलीबारी में दो प्रदर्शनकारियों की भी जान गई।
कर्फ्यू और अस्पतालों की स्थिति
हास्पताल के अधिकारियों के अनुसार, काठमांडू में विभिन्न अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह की कमी हो रही है। स्थानीय प्रशासन ने काठमांडू और अन्य क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया है। मुख्य जिला अधिकारी छबि लाल रिजाल ने कहा कि प्रतिबंधित क्षेत्रों में लोगों के आवागमन, प्रदर्शन और सभा की अनुमति नहीं होगी।
सोशल मीडिया पर प्रतिबंध का कारण
नेपाल सरकार ने अनिवार्य पंजीकरण प्रक्रिया का पालन न करने पर चार सितंबर को फेसबुक, व्हाट्सऐप और एक्स सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाया था। सरकार का कहना है कि यह प्रतिबंध सोशल मीडिया को नियंत्रित करने के लिए है, लेकिन आम जनता में यह धारणा है कि इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला होगा।