नेपाल में प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद राजनीतिक संकट गहरा
प्रधानमंत्री के इस्तीफे का प्रभाव
नेपाल में हाल ही में प्रधानमंत्री केपी ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसे राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने तुरंत स्वीकार कर लिया। इस घटनाक्रम के बाद देश की राजनीतिक स्थिति और भी जटिल हो गई है। अब यह चर्चा का विषय बन गया है कि क्या नेपाली सेना को अब राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करना पड़ेगा।ओली का इस्तीफा: सत्ता का संकट नेपाल में गहराते राजनीतिक संकट के कारण प्रधानमंत्री केपी ओली ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। राष्ट्रपति ने इस इस्तीफे को तुरंत मंजूरी दी, जिससे राजनीतिक तनाव और बढ़ गया है। इस स्थिति में कई सवाल उठ रहे हैं, विशेषकर सेना की संभावित भूमिका को लेकर।
सेना की भूमिका: संकट के समय में मदद नेपाली सेना ने पहले ही प्रधानमंत्री ओली से आग्रह किया था कि वे सत्ता छोड़ दें। सेना का मानना था कि ओली का पद पर बने रहना स्थिति को और बिगाड़ सकता है। इस पर ओली ने सेना से सहायता मांगी थी, ताकि संकट का समाधान किया जा सके। सेना के प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल ने भी सरकार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया था।
प्रधानमंत्री के वेतन और भत्ते (nepali pm salary) प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बीच एक दिलचस्प तथ्य यह है कि नेपाल में प्रधानमंत्री के वेतन को लेकर कई भ्रांतियाँ हैं। आम धारणा है कि प्रधानमंत्री का वेतन बहुत अधिक है, लेकिन वास्तविकता में यह 77,280 नेपाली रुपये (NPR) मासिक है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री को सरकारी आवास, वाहन, स्टाफ और सुरक्षा जैसी सुविधाएँ भी मिलती हैं। भारतीय मुद्रा में यह वेतन लगभग 48,000-50,000 रुपये के बराबर है, जो एक अच्छे प्राइवेट सेक्टर की नौकरी के समान है।