नेपाल में उग्र प्रदर्शन और भारत की प्रतिक्रिया
नेपाल में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं, जहां प्रदर्शनकारियों की गतिविधियां उग्र हो चुकी हैं। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को सड़कों पर उतार दिया है, लेकिन हिंसा कई क्षेत्रों में जारी है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार ने गोली चलाने का आदेश जारी किया है। भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गई है, क्योंकि नेपाल में हो रही घटनाओं का प्रभाव भारत पर भी पड़ सकता है। इसीलिए, भारत सरकार ने अपनी सीमा सुरक्षा को और अधिक सख्त कर दिया है।
भारत के सीमा सुरक्षा बल और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने सतर्कता बढ़ा दी है और किसी भी तरह की अशांति को रोकने के लिए स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि नेपाल में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर भारत-नेपाल सीमा पर अलर्ट जारी किया गया है।
भारत ने मंगलवार को नेपाल में बिगड़ते हालात पर गहरी चिंता व्यक्त की है। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटने के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों ने जानलेवा स्थिति पैदा कर दी है। सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई है और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनमें अधिकांश छात्र शामिल हैं, जो प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है।
विदेश मंत्रालय ने नेपाल में सभी पक्षों से संयम बरतने और शांतिपूर्ण संवाद के माध्यम से मतभेदों को सुलझाने का आग्रह किया है।
भारत सरकार ने काठमांडू और उसके आसपास के क्षेत्रों में फिर से लागू किए गए अनिश्चितकालीन कर्फ्यू पर भी ध्यान दिया है। भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे सावधानी बरतें और स्थानीय निर्देशों का पालन करें। ओली सरकार द्वारा पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के बाद ये विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे, जिससे सत्तावाद और भ्रष्टाचार के आरोपों में वृद्धि हुई। हालांकि अब प्रतिबंध हटा लिया गया है, लेकिन जनता का गुस्सा कम नहीं हुआ है। लापता प्रदर्शनकारियों और छात्रों के परिवार इस आंदोलन में सबसे आगे हैं और प्रधानमंत्री के इस्तीफे तक पीछे हटने का इरादा नहीं रखते।