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नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ युवा प्रदर्शन

नेपाल में सोमवार को भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ युवा प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में घुसपैठ की। नेपाल पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस और राउंड फायरिंग का सहारा लिया, जिसमें एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। 12,000 से अधिक प्रदर्शनकारी संसद के गेट पर कब्जा कर चुके हैं, जबकि कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। जानें इस आंदोलन के पीछे की वजह और युवा प्रदर्शनकारियों की अपील।
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नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ युवा प्रदर्शन

नेपाल में बढ़ते प्रदर्शन

सोमवार को नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गए हैं। 18 से 30 वर्ष के युवा प्रदर्शनकारी संसद भवन परिसर में घुस गए। नेपाल पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार के साथ-साथ राउंड फायरिंग की। काठमांडू पोस्ट के अनुसार, इस फायरिंग में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं।



नेपाल पुलिस के अनुसार, 12,000 से अधिक प्रदर्शनकारी संसद के गेट नंबर एक और दो पर कब्जा कर चुके हैं। संसद भवन, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास के आसपास कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। सुरक्षा के लिए काठमांडू के प्रमुख क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है, और यह नेपाल के इतिहास में संसद में घुसपैठ का पहला मामला है।


गौरतलब है कि नेपाल सरकार ने 3 सितंबर को सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था। इस निर्णय के तहत फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब सहित 26 सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगाया गया। ये प्लेटफॉर्म नेपाल के संचार सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए थे। मंत्रालय ने 28 अगस्त से 7 दिन की समय सीमा दी थी, जो 2 सितंबर को समाप्त हो गई थी।


नेपाल सरकार के इस निर्णय के बाद हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं। आंदोलनकारी युवाओं ने इस आंदोलन में शामिल होने के लिए अन्य लोगों से भी अपील की है, और इसमें बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं।