नेपाल में युवा आंदोलन: कैदियों की फरारी और राजनीतिक उथल-पुथल

अंतरराष्ट्रीय समाचार
अंतरराष्ट्रीय समाचार: नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ युवाओं ने दो दिन तक जोरदार प्रदर्शन किया। इस आंदोलन ने न केवल सरकार को हिलाकर रख दिया, बल्कि देश की राजनीतिक स्थिति में भी उथल-पुथल मचा दी। हालांकि अब प्रदर्शन थम गए हैं, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता अभी भी बनी हुई है। इस आंदोलन का प्रभाव संसद और सत्ता तंत्र पर लंबे समय तक महसूस किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान कई जेलों में हिंसा हुई, जिसके परिणामस्वरूप कैदियों ने ताले तोड़कर भागने की कोशिश की। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, लगभग 15,000 कैदी जेलों से भागने में सफल रहे हैं। इनमें से कुछ को पुलिस ने पकड़ लिया है, लेकिन लगभग 12,500 कैदी अभी भी फरार हैं, जिनमें कई खतरनाक अपराधी शामिल हैं।
जेलों में हिंसा और सुरक्षा चुनौती
नेपाल पुलिस ने जानकारी दी है कि काठमांडू सहित 24 से अधिक जेलों में हिंसा हुई। कैदियों ने पुलिस चौकियों पर हमले किए और भागने का प्रयास किया। कई संदिग्धों को भारत की सीमा से पकड़ा गया है, लेकिन हजारों अपराधी अब भी खुले में घूम रहे हैं। यह जेलब्रेक अब देश की सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती बन चुका है।
भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ाई गई
भारत-नेपाल सीमा पर अलर्ट
भारत-नेपाल की 1,751 किलोमीटर लंबी सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने सभी चेकपोस्ट पर पहचान पत्र की जांच अनिवार्य कर दी है। पिछले दो दिनों में यूपी, बिहार और बंगाल की सीमाओं से लगभग 60 संदिग्धों को पकड़ा गया है, जो कथित तौर पर नेपाली कैदी थे। सीमा पर करीब 60,000 जवान तैनात हैं। इसके अलावा, निगरानी कैमरे भी लगाए गए हैं ताकि संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। स्थानीय लोगों से भी अपील की गई है कि वे संदिग्ध चेहरों की जानकारी तुरंत दें। भारत और नेपाल की संयुक्त गश्त ने सीमा पर सुरक्षा को और मजबूत किया है.
पुलिस की स्थिति में सुधार
नेपाल पुलिस का मोर्चा संभालना
काठमांडू घाटी और अन्य क्षेत्रों में पुलिस ने फिर से मोर्चा संभालना शुरू कर दिया है। आंदोलन के दौरान कई थाने और चौकियां जला दी गई थीं, जिन्हें अब स्थानीय लोग फिर से बनाने में मदद कर रहे हैं। सेना लगातार फ्लैग मार्च कर रही है और पुलिसकर्मी ड्यूटी पर लौट रहे हैं। पुलिस ने नए सिरे से सुरक्षा योजना बनाई है जिसमें हर संवेदनशील इलाके में अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं। भीड़भाड़ वाली जगहों पर चेकिंग बढ़ा दी गई है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। सरकार ने पुलिस को आधुनिक उपकरण और संसाधन भी मुहैया कराए हैं.
सरकार का कानून-व्यवस्था पर ध्यान
सरकार का कानून-व्यवस्था पर फोकस
नेपाल सरकार का कहना है कि प्राथमिकता कानून-व्यवस्था बहाल करने की है। फरार कैदियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर भी निगरानी बढ़ाई गई है। सरकार ने जनता को भरोसा दिलाया है कि सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं होगा। कैदियों को पकड़ने के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाई गई है जो दिन-रात काम कर रही है। गांव-गांव और शहर-शहर तलाशी अभियान चल रहा है। सरकार का कहना है कि अपराधियों को जल्द ही जेल वापस भेजा जाएगा.
एशिया की राजनीति पर प्रभाव
एशिया की राजनीति पर असर
नेपाल की यह स्थिति केवल आंतरिक संकट नहीं है। इसके प्रभाव एशिया की राजनीति पर भी पड़ रहे हैं। ओली की सत्ता से विदाई चीन के लिए एक झटका है, जबकि भारत और अमेरिका नेपाल के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने में जुट गए हैं। सुरक्षा संकट ने पड़ोसी देशों को भी सतर्क कर दिया है। चीन की भूमिका कमजोर पड़ रही है, और यह भारत-अमेरिका के लिए एक रणनीतिक अवसर बन गया है। नेपाल की नीतियों में यह बदलाव एशिया में शक्ति संतुलन को नया रूप देगा। आने वाले समय में नेपाल को लेकर बड़ी कूटनीतिक खींचतान देखने को मिल सकती है.