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नेपाल में सेना ने शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी संभाली, कर्फ्यू लागू

नेपाल में केपी शर्मा ओली की सरकार के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद, सेना ने शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी संभाली है। काठमांडू में कर्फ्यू लागू किया गया है, और सेना ने तोड़फोड़ और लूटपाट की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। जनरल अशोक राज सिगदेल ने प्रदर्शनकारियों से शांति से बातचीत करने की अपील की है। जेन-जेड आंदोलन ने राजनीतिक सुधारों की मांग की है, जिसमें नए चुनाव और संविधान में संशोधन शामिल हैं। जानें इस स्थिति के बारे में और क्या हो रहा है।
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नेपाल में सेना ने शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी संभाली, कर्फ्यू लागू

नेपाल में शांति की बहाली के लिए सेना की पहल

केपी शर्मा ओली की सरकार के खिलाफ देशभर में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद, काठमांडू से भयावह तस्वीरें सामने आई हैं। इन घटनाओं के बीच, नेपाली सेना ने नए प्रशासन के गठन तक शांति बनाए रखने का कार्यभार संभाल लिया है। कर्फ्यू लागू किया गया है, और सेना ने चेतावनी दी है कि तोड़फोड़, लूटपाट या किसी पर हमले की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस संदर्भ में, सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगदेल ने प्रदर्शनकारियों से शांति से बातचीत करने की अपील की है।


सुरक्षा बनाए रखने के लिए नागरिकों का आभार

सेना ने मौजूदा संकट के दौरान शांति और सुरक्षा बनाए रखने में नागरिकों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है। साथ ही, उन्होंने विरोध प्रदर्शनों के दौरान जान-माल के नुकसान पर शोक व्यक्त किया। सेना ने चेतावनी दी है कि कुछ अराजक तत्व आंदोलन में घुसपैठ कर रहे हैं और हिंसक गतिविधियों में लिप्त हैं। उन्होंने सभी से आपराधिक गतिविधियों को रोकने में मदद करने का अनुरोध किया है।


जनरल सिगदेल का संदेश

जनरल सिगदेल ने कल रात एक टेलीविज़न संबोधन में देशवासियों से अपील की कि वे अपने विरोध कार्यक्रमों को रोकें और शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि हमें वर्तमान कठिनाइयों को सामान्य बनाने और सार्वजनिक तथा निजी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।


जेन-जेड आंदोलन की मांगें

जेन-जेड आंदोलन ने नेपाल में बड़े राजनीतिक सुधारों की मांग करते हुए एक सार्वजनिक घोषणा की है। इसमें कहा गया है कि यह संघर्ष राष्ट्र के भविष्य के लिए है, न कि किसी विशेष पार्टी या व्यक्ति के लिए। आंदोलन में मारे गए लोगों को शहीद घोषित किया जाएगा और उनके परिवारों को सम्मान और सहायता प्रदान की जाएगी।


तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता

आंदोलन की प्रमुख मांगों में शामिल हैं: वर्तमान प्रतिनिधि सभा का तत्काल भंग होना, संविधान में संशोधन या पुनर्लेखन, और नए निष्पक्ष चुनाव कराना। इसके अलावा, पिछले 30 वर्षों में अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों की जांच और उनका राष्ट्रीयकरण करने की भी मांग की गई है।


कर्फ्यू के बीच सेना की तैनाती

सरकार विरोधी प्रदर्शनों के एक दिन बाद, बुधवार सुबह से ही सेना के जवान काठमांडू और अन्य शहरों में शांति बहाल करने के लिए तैनात हो गए हैं। प्रदर्शन के कारण केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। सेना ने कुछ समूहों की कार्रवाइयों पर चिंता व्यक्त की है, जो कठिन परिस्थितियों का अनुचित लाभ उठा रहे हैं।