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नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ उग्र प्रदर्शन: काठमांडू हवाई अड्डा बंद

नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन अब हिंसा में बदल गया है। काठमांडू का त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा आंशिक रूप से बंद हो गया है, जिससे भारत से आने वाली उड़ानें प्रभावित हुई हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है, जिसके चलते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया। जानें इस उग्र आंदोलन की पूरी कहानी और इसके प्रभावों के बारे में।
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नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ उग्र प्रदर्शन: काठमांडू हवाई अड्डा बंद

काठमांडू में हालात बिगड़ते हुए

Kathmandu Airport Closure : नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन अब देशव्यापी हिंसा में बदल गया है. सोमवार को हुए प्रदर्शन के बाद हालात इतने बिगड़ गए कि काठमांडू का त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा आंशिक रूप से बंद कर दिया गया. इससे भारत से नेपाल आने वाली कई उड़ानें प्रभावित हुईं. खासतौर पर काठमांडू के दक्षिणी हिस्से से विमानों की लैंडिंग पर रोक लगा दी गई क्योंकि आसपास के इलाकों में प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाई गई आग से धुआं फैल गया, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई.


भारतीय विमानों को किया गया डायवर्ट
फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट Flightradar24 के अनुसार, कई भारतीय विमान नेपाल के ऊपर चक्कर काटते रहे. इंडिगो की दो उड़ानें – 6E1153 (दिल्ली-काठमांडू) और 6E1157 (मुंबई-काठमांडू) – काठमांडू हवाई अड्डे के ऊपर होल्ड पर रखी गईं और बाद में इन्हें लखनऊ डायवर्ट कर दिया गया.

अगले आदेश तक उड़ाने निलंबित
इसके अलावा, एयर इंडिया की तीन उड़ानें – AI2231/2232, AI2219/2220 और AI217/218 – जो दिल्ली और काठमांडू के बीच संचालित हो रही थीं, मंगलवार को रद्द कर दी गईं. एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और यात्रियों को समय-समय पर अपडेट दिया जाएगा. इंडिगो ने भी एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें बताया गया कि अगले आदेश तक काठमांडू के लिए सभी उड़ानें निलंबित कर दी गई हैं.


सोशल मीडिया बैन से भड़का जनाक्रोश
सोमवार को हजारों की संख्या में युवाओं, खासकर जनरेशन जेड (Gen Z) ने काठमांडू की सड़कों पर उतरकर सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. सरकार ने इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब और एक्स (पूर्व में ट्विटर) जैसे प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगाई थी, जिससे युवा वर्ग का गुस्सा भड़क उठा.

राजधानी काठमांडू में हालात बेकाबू
हालांकि, यह विरोध सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रहा. धीरे-धीरे यह भ्रष्टाचार के खिलाफ गुस्से में बदल गया और राजधानी काठमांडू में हालात बेकाबू हो गए. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ते हुए संसद भवन को घेर लिया. पुलिस की ओर से आंसू गैस और वॉटर कैनन का उपयोग किया गया, लेकिन भीड़ इतनी बड़ी थी कि सुरक्षा बलों को संसद परिसर में शरण लेनी पड़ी.


राजनीतिक नेताओं पर हमले, PM का इस्तीफा
मंगलवार को प्रदर्शन और भी उग्र हो गया. उपद्रवियों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सहित कई शीर्ष नेताओं के आवासों में आग लगा दी. सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में संसद भवन और नेताओं के घरों से उठता धुआं साफ देखा जा सकता है. हालात को देखते हुए ओली ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.


विद्यालय बंद, संसद के बाहर फिर प्रदर्शन
मंगलवार को काठमांडू के सभी स्कूल बंद कर दिए गए. एक दिन पहले मारे गए 19 लोगों के विरोध में फिर से लोग इकट्ठा हुए, भले ही संसद क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया था. यह प्रदर्शन अब सरकार की नीतियों और कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े जनांदोलन में बदल चुका है.


नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध से शुरू हुआ आंदोलन अब राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा का रूप ले चुका है. इसका असर न सिर्फ देश के भीतर, बल्कि भारत-नेपाल उड़ानों तक भी देखा जा रहा है. हालात को सामान्य करने के लिए तत्काल समाधान और संवाद की जरूरत है.