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नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बाद शांति की उम्मीद, सुशीला कार्की बन सकती हैं अंतरिम प्रधानमंत्री

नेपाल में हाल के दिनों में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के बाद अब एक अस्थायी शांति का माहौल बनता दिख रहा है। इस आंदोलन ने 51 लोगों की जान ले ली है, जिसमें एक भारतीय महिला भी शामिल है। सुशीला कार्की के अंतरिम प्रधानमंत्री बनने की चर्चाएं तेज हो गई हैं, जबकि भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। जानें इस स्थिति के बारे में और क्या हो रहा है नेपाल में।
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नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बाद शांति की उम्मीद, सुशीला कार्की बन सकती हैं अंतरिम प्रधानमंत्री

नेपाल में अस्थायी शांति का माहौल

नेपाल में प्रदर्शनों का असर: हाल के दिनों में नेपाल में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के बाद शुक्रवार को एक अस्थायी शांति का माहौल देखने को मिला। यह विरोध सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ था, लेकिन अब यह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़े आंदोलन में बदल चुका है। इन प्रदर्शनों में अब तक 51 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की एक महिला और नेपाल पुलिस के तीन जवान शामिल हैं।


राजनीतिक अस्थिरता और नेतृत्व संकट

काठमांडू और अन्य प्रमुख शहरों में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता और नेतृत्व संकट ने देश को नई चुनौतियों का सामना करने के लिए मजबूर कर दिया है। भारत ने नेपाल में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जबकि नेपाल में अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया भी तेज हो गई है।


सुशीला कार्की का नाम चर्चा में

सुशीला कार्की बन सकती हैं अंतरिम प्रधानमंत्री

केपी शर्मा ओली सरकार के पतन के बाद, पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, नेपाली सेना और जनरेशन Z के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक में सुशीला कार्की की भूमिका पर गहन चर्चा हुई। हालांकि, आंदोलन का नेतृत्व कर रहे गुटों में मतभेद भी सामने आए हैं। एक धड़े ने सुशीला कार्की के नाम का समर्थन किया, जबकि दूसरे ने नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व प्रमुख कुलमान घिसिंग का नाम आगे बढ़ाया है।


अंतरिम सरकार पर महत्वपूर्ण बैठक

अंतरिम सरकार पर आज अहम बैठक

शनिवार को सेना और जनरेशन Z के नेताओं के बीच दूसरी दौर की बातचीत होगी, जिसमें संसद भंग करने और अंतरिम सरकार के गठन पर अंतिम सहमति की संभावना है। इस बैठक पर पूरे देश और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें टिकी हैं। हालात अब धीरे-धीरे सामान्य होते दिख रहे हैं। काठमांडू में सेना गश्त कर रही है और हर आने-जाने वाले वाहन की सघन जांच की जा रही है। कई दुकानों ने फिर से संचालन शुरू कर दिया है और नागरिक समूह सड़कों से मलबा हटाने में जुटे हैं।


भारतीय नागरिकों की वापसी

भारतीयों की वापसी, गाजियाबाद की महिला की मौत

भारत सरकार ने नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया है। आंध्र प्रदेश के 140 से अधिक लोगों को विशेष उड़ान से काठमांडू से भारत लाया गया। इसके अलावा, सोनौली (उत्तर प्रदेश) और पनितांकी (दार्जिलिंग) सीमा से भी कई भारतीय लौटे हैं। इसी बीच, गाजियाबाद की राजेश गोला की मौत ने सभी को झकझोर दिया। वह अपने पति के साथ काठमांडू के हयात होटल में ठहरी हुई थीं, जब प्रदर्शनकारियों ने होटल को आग के हवाले कर दिया। जान बचाने की कोशिश में दोनों ने खिड़की का कांच तोड़कर कूदने का रास्ता बनाया। पति को मामूली चोटें आईं, लेकिन राजेश देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं और बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया।