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नोएडा पुलिस ने 10 साल बाद अपहरण के शिकार बच्चे को परिवार से मिलवाया

नोएडा पुलिस ने 10 साल पहले अपहरण के शिकार एक बच्चे को उसके परिवार से मिलवाया। यह कहानी उस समय शुरू हुई जब बच्चा 2015 में एक भंडारे के दौरान लापता हो गया था। पुलिस ने हजारों एफआईआर की जांच की और अंततः बच्चे को फरीदाबाद से बरामद किया। माता-पिता की पहचान के बाद, परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। जानिए इस अद्भुत पुनर्मिलन की पूरी कहानी।
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नोएडा पुलिस ने 10 साल बाद अपहरण के शिकार बच्चे को परिवार से मिलवाया

खुशियों की वापसी

नोएडा समाचार: नोएडा पुलिस ने एक परिवार की खुशियों को फिर से जीवित कर दिया है। पुलिस ने 10 साल पहले थाना फेज-2 से अपहरण किए गए एक 10 वर्षीय बच्चे को उसके परिवार से पुनः मिलवाया है। बच्चे को फरीदाबाद के सूरजकुंड क्षेत्र से बरामद किया गया। सेन्ट्रल नोएडा के डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बच्चे को केवल अपने माता-पिता का नाम पता था, लेकिन उसे गांव और इलाके का कोई ज्ञान नहीं था। इसके बाद, पुरानी एफआईआर की जांच की गई। हजारों एफआईआर की छानबीन के बाद बच्चे के पिता के एक मित्र की जानकारी मिली। पुलिस ने उनसे संपर्क किया और बच्चे के शरीर पर मिले निशान दिखाए। इसके बाद बच्चे के माता-पिता सामने आए और सही पहचान होने पर बच्चे को उनके हवाले कर दिया गया।


लापता होने की कहानी

मंदिर में भंडारे के दौरान हुआ था लापता


डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बच्चा अपने परिवार के साथ गेझा गांव में रहता था। 6 नवंबर 2015 को एक मंदिर के पास भंडारे के दौरान बच्चा लापता हो गया। जानकारी मिली कि उसे एक व्यक्ति अपने साथ ले गया था। 8 नवंबर 2015 को थाना फेज-2 में मामला दर्ज किया गया। बच्चे की खोज की गई, लेकिन करीब 7 साल तक कोई सुराग नहीं मिला। अंततः 20 दिसंबर 2022 को फाइल रिपोर्ट लगाकर केस बंद कर दिया गया। बच्चे के लापता होने से परिवार दुखी होकर अपने पैतृक निवास मैनपुरी चला गया।


फरीदाबाद पुलिस से मिली जानकारी

फरीदाबाद पुलिस से मिला इनपुट


डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि 28 मई 2025 को थाना सूरजकुंड, फरीदाबाद में एक अन्य बच्चे के अपहरण का मामला दर्ज किया गया। जांच के दौरान पुलिस ने 2 जून 2025 को आरोपी मंगल कुमार को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने बताया कि उसने कई साल पहले नोएडा से भी एक बच्चे का अपहरण किया था। आरोपी से मिली जानकारी के आधार पर बच्चे को बरामद किया गया और नोएडा पुलिस को सूचित किया गया। इसके बाद नोएडा के सभी थानों में दर्ज इस तरह की एफआईआर की जांच की गई। इस दौरान थाना फेज-2 में दर्ज एक केस मिला। आरोपी द्वारा बताए गए अपहरण के तरीके से बच्चे की बताई गई लोकेशन की जानकारी सही साबित हुई।


पूछताछ में मिली सफलता

थाने पर 6 घंटे तक चली पूछताछ के बाद मिली कामयाबी


डीसीपी ने बताया कि 17 साल का किशोर थाना फेज-2 लाया गया। यहां करीब 6 घंटे की पूछताछ के बाद माता-पिता और उसका असली नाम भी पता चला। आरोपी ने उसका नाम बदलकर प्रियांशु रख दिया था। पुलिस ने पुरानी एफआईआर को खंगाला, जिसमें किशोर का नाम हिमांशु दर्ज था और पिता के मित्र का नाम भी था, जो वर्तमान में आगरा में रह रहे हैं। इसके बाद किशोर के पिता के मित्र को बुलवाया गया और बच्चे के शारीरिक हुलिया के बारे में माता-पिता से बातचीत की गई।


परिवार में खुशी की लहर

ऐसे हुई पहचान, परिवार में लौटी खुशी


माता-पिता ने बच्चे की दाहिने हाथ की कटी उंगली और बाईं आंख के नीचे एक घाव के निशान के बारे में जानकारी दी। दोनों चिन्हों का मिलान होने पर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्हें नोएडा बुलाया गया। माता-पिता ने इसकी जानकारी बच्चे के बड़े भाई को दी। इसके बाद भाई, चाची और जीजा थाना फेज-2 पर आए और सबसे पहले बच्चे के हाथ की कटी उंगली देखी और लिपटकर रोने लगे। इसके बाद बच्चे ने अपने बड़े भाई को पहचान लिया।