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नोएडा में लिफ्ट रजिस्ट्रेशन न कराने पर जुर्माना लागू

नोएडा में लिफ्ट और एस्कलेटर के रजिस्ट्रेशन न कराने वालों पर अब जुर्माना लगाया जाएगा। डीएम मनीष कुमार वर्मा ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं। 15 मई की समय सीमा के बाद, प्रति लिफ्ट 10 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। जिले में एक लाख से अधिक लिफ्टें हैं, लेकिन केवल 7700 का रजिस्ट्रेशन हुआ है। दस्तावेजों की कमी और ऑनलाइन आवेदन में समस्याओं के कारण रजिस्ट्रेशन में कठिनाई आ रही है। जानें जुर्माना वसूलने की प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
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नोएडा में लिफ्ट रजिस्ट्रेशन न कराने पर जुर्माना लागू

नोएडा में लिफ्ट रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता

नोएडा समाचार: नोएडा में लिफ्ट और एस्कलेटर एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन न कराने वालों पर अब जुर्माना लगाया जाएगा। बुधवार को डीएम मनीष कुमार वर्मा ने आरडब्ल्यूए की बैठक में इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि लिफ्ट रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 15 मई थी। यदि कोई भी रजिस्ट्रेशन नहीं कराता है, तो अब प्रति लिफ्ट 10 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा।


रजिस्ट्रेशन की स्थिति

एक लाख लिफ्ट में से केवल 7700 का रजिस्ट्रेशन


जानकारी के अनुसार, लिफ्ट एक्ट लागू होने के बावजूद जिले के निवासियों ने पंजीकरण में लापरवाही दिखाई है। जिले में लगभग 600 सोसायटियों में 10 लाख की जनसंख्या निवास करती है। विभिन्न ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं, कंपनियों, फैक्ट्रियों और निजी घरों में एक लाख से अधिक लिफ्टें कार्यरत हैं, जिनमें से केवल 7700 लिफ्टों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। प्रशासन ने लिफ्ट पंजीकरण की समय सीमा 15 मई निर्धारित की थी। अब एक महीने बाद भी रजिस्ट्रेशन न कराने पर प्रति लिफ्ट 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।


रजिस्ट्रेशन में बाधाएं

दस्तावेजों की कमी से रजिस्ट्रेशन में कठिनाई


सूत्रों के अनुसार, जिले में दस्तावेजों की कमी और कार्रवाई की अनुपस्थिति के कारण पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। कुछ सोसायटियों के निवासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार ऑनलाइन आवेदन किया है, लेकिन हर बार फाइल अस्वीकृत हो जाती है। इस संबंध में प्रशासन को शिकायत की गई है। ऐसे में जुर्माना वसूलने का निर्णय समझ से परे है। प्रशासन को पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में सुधार करना चाहिए, फिर यदि कोई रजिस्ट्रेशन नहीं कराता है, तो जुर्माना लगाया जाए।


जुर्माना वसूलने की प्रक्रिया

जुर्माना वसूलने की प्रक्रिया


प्रशासन के अनुसार, 15 मई के बाद सात दिन की देरी पर 100 रुपये प्रतिदिन, सात से 15 दिन की देरी पर 200 रुपये प्रतिदिन, और 15 से 30 दिन की देरी पर 500 रुपये प्रतिदिन विलंब शुल्क लिया जाएगा। यदि एक महीने से अधिक देरी होती है, तो लिफ्ट या एस्कलेटर का संचालन बंद कर दिया जाएगा। 10 हजार रुपये का जुर्माना वसूलने के बाद ही संचालन की अनुमति दी जाएगी।