न्यू जर्सी में भारतीय छात्र के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला

न्यू जर्सी में भारतीय छात्र के साथ अमानवीय व्यवहार
न्यू जर्सी में भारतीय छात्र के साथ अमानवीय व्यवहार: 9 जून 2025 को न्यू जर्सी के न्यूअर्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक भारतीय छात्र के साथ अमानवीय व्यवहार का एक गंभीर मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में देखा गया कि अमेरिकी अधिकारियों ने छात्र को हथकड़ी लगाकर जमीन पर गिरा दिया और उसके साथ अपराधी जैसा बर्ताव किया। वीडियो में छात्र रोते हुए कह रहा है 'मैं पागल नहीं हूं' जबकि अधिकारी उसे मानसिक रूप से अस्थिर साबित करने की कोशिश कर रहे थे। इस घटना ने अमेरिका में भारतीयों के खिलाफ बढ़ते भेदभाव और सख्त इमिग्रेशन नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
कुणाल जैन ने घटना का खुलासा किया
भारतीय मूल के अमेरिकी उद्यमी और हेल्थबॉट्स AI के अध्यक्ष कुणाल जैन ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया। उन्होंने लिखा 'मैंने न्यूअर्क एयरपोर्ट पर एक भारतीय छात्र को हथकड़ी में रोते हुए देखा। उसे अपराधी की तरह ट्रीट किया गया जबकि वह अपने सपनों को पूरा करने आया था। किसी को नुकसान पहुंचाने नहीं। एक NRI के तौर पर मैं खुद को असहाय और टूटा हुआ महसूस कर रहा हूं।' जैन ने बताया कि छात्र हरियाणवी बोल रहा था और बार-बार कह रहा था कि वह पागल नहीं है। उन्होंने भारतीय दूतावास और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मामले में हस्तक्षेप की अपील की, यह दावा करते हुए कि हर दिन 3-4 ऐसे मामले सामने आ रहे हैं.
भारतीय दूतावास की प्रतिक्रिया
वीडियो के वायरल होने के बाद न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने 10 जून 2025 को एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया 'हमें सोशल मीडिया पर पोस्ट्स के माध्यम से जानकारी मिली है कि न्यूअर्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक भारतीय नागरिक को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। हम इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। वाणिज्य दूतावास भारतीय नागरिकों के कल्याण के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है।' दूतावास ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है लेकिन अभी तक छात्र की पहचान या डिपोर्टेशन के कारणों का खुलासा नहीं किया गया है.
अमेरिका की सख्त इमिग्रेशन नीतियां
यह घटना अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त इमिग्रेशन नीतियों के बीच सामने आई है। ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों और वीजा नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तेज कर दी है। 2023 की DHS रिपोर्ट के अनुसार F-कैटेगरी वीजा धारकों में ओवरस्टे रेट 3.5% तक पहुंच गया है और 2024 में अनुमानित 1500 से अधिक भारतीयों को डिपोर्ट किया गया। न्यूअर्क की घटना से पहले भी ट्रंप प्रशासन ने सैकड़ों भारतीयों को हथकड़ियों में डिपोर्ट किया था, जिसकी तस्वीरें वायरल हुई थीं.
लॉस एंजेल्स में प्रदर्शन
लॉस एंजेल्स में ट्रंप की इमिग्रेशन नीतियों के खिलाफ 6-10 जून 2025 तक हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसमें दो लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदर्शनकारियों ने सैकड़ों गाड़ियों में आग लगा दी और अमेरिकी झंडे पर थूकने जैसे कृत्य किए। ट्रंप ने इन प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए 2000 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया, जिसे कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूजम ने 'जानबूझकर भड़काऊ' कदम बताया। इन प्रदर्शनों में ICE और FBI की छापेमारी के खिलाफ गुस्सा साफ दिखा, जिसमें लॉस एंजेल्स में 118 लोग हिरासत में लिए गए.
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
कुणाल जैन के वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। कई यूजर्स ने इसे भारतीय सम्मान पर हमला बताया जबकि कुछ ने अमेरिकी इमिग्रेशन नीतियों की कठोरता की आलोचना की। एक यूजर ने लिखा 'छात्र होने का मतलब सजा नहीं है। इंसाफ की जरूरत है।' हालांकि कुछ का मानना है कि सख्त इमिग्रेशन नीतियां अवैध प्रवास को रोकने के लिए जरूरी हैं लेकिन छात्रों के साथ मानवीय व्यवहार होना चाहिए.
ऐसी घटनाओं के कारण
रिपोर्ट्स के अनुसार कई भारतीय छात्र वीजा लेकर अमेरिका पहुंचते हैं लेकिन इमिग्रेशन अधिकारियों को अपनी यात्रा का उद्देश्य स्पष्ट नहीं कर पाते, जिसके कारण उन्हें डिपोर्ट किया जा रहा है। प्रो-फिलिस्तीन प्रदर्शनों, ट्रैफिक उल्लंघन या वीजा ओवरस्टे जैसे मामलों में भी कार्रवाई तेज हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन की नीतियां अंतरराष्ट्रीय छात्रों खासकर भारतीयों के लिए चुनौतियां बढ़ा रही हैं.