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पंचकुला में नशा मुक्ति केंद्र का औचक निरीक्षण: कई खामियाँ सामने आईं

पंचकुला में एक नशा मुक्ति केंद्र का औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें कई गंभीर खामियाँ सामने आईं। निरीक्षण के दौरान साफ-सफाई की कमी, मरीजों की सुरक्षा के मुद्दे और कर्मचारियों की लापरवाही की शिकायतें मिलीं। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अधिकारियों को सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। जानें इस निरीक्षण की पूरी कहानी और क्या कदम उठाए जाएंगे।
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पंचकुला में नशा मुक्ति केंद्र का औचक निरीक्षण: कई खामियाँ सामने आईं

पंचकुला में नशा मुक्ति केंद्र का निरीक्षण


पंचकुला समाचार: आज सुबह 10:30 बजे, सुश्री अपर्णा भारद्वाज, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) की सचिव ने सरकारी अस्पताल सेक्टर-6 में स्थित नशा मुक्ति केंद्र का औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार किया गया। निरीक्षण के दौरान केंद्र की सफाई और रखरखाव में गंभीर लापरवाही पाई गई।


सीढ़ियाँ और वार्ड गंदे थे, मरीजों के पास नुकीली धातु की छड़ें मिलीं, और शौचालय तथा वॉशबेसिन की स्थिति भी खराब थी। महिला वार्ड में एक पुरुष की उपस्थिति ने मरीजों की सुरक्षा और निजता पर सवाल खड़े कर दिए।


कर्मचारियों से पूछताछ और मरीजों की शिकायतें


केंद्र में 24 मरीज भर्ती थे, जिनसे सुश्री भारद्वाज ने बातचीत की। मरीजों ने सफाई और कर्मचारियों की लापरवाही के बारे में शिकायतें कीं। निरीक्षण में यह भी सामने आया कि पिछले महीने दो मरीज फरार हो गए थे। अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ के दौरान उन्होंने फरार मरीजों की रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी।


सुश्री भारद्वाज ने अधिकारियों के उदासीन रवैये पर नाराजगी व्यक्त की और तुरंत सफाई, सुरक्षा और पर्यवेक्षण में सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुरुष और महिला वार्ड का पृथक्करण सख्ती से सुनिश्चित किया जाए और सभी सुधारात्मक कदमों की रिपोर्ट जल्द से जल्द डीएलएसए पंचकूला को भेजी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे निरीक्षणों का उद्देश्य नशा मुक्ति केंद्रों में पारदर्शिता, जवाबदेही और मानवीय व्यवहार सुनिश्चित करना है ताकि मरीजों को सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण मिल सके।