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पंचकूला के ताइक्वांडो खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जीते गोल्ड मेडल

पंचकुला के युवा ताइक्वांडो खिलाड़ियों सोनू मेहंदीवाला और राहुल ने आगरा में आयोजित 6वीं ओपन नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर शहर का नाम रोशन किया है। इनकी प्रेरणादायक कहानी न केवल उनकी मेहनत को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कठिनाइयों के बावजूद सफलता संभव है। जानें कैसे इन खिलाड़ियों ने अपने संघर्षों को पार किया और दूसरों के लिए प्रेरणा बने।
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पंचकूला के ताइक्वांडो खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जीते गोल्ड मेडल

पंचकूला के ताइक्वांडो चैंपियंस की सफलता

पंचकुला ताइक्वांडो चैंपियंस, सिटी रिपोर्टर | पंचकूला : पंचकुला के युवा खिलाड़ियों ने आगरा में आयोजित 6वीं ओपन नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर शहर का नाम रोशन किया है। सोनू मेहंदीवाला और हरिपुर के राहुल ने कठिनाइयों को पार करते हुए यह उपलब्धि हासिल की। सोनू के पिता एक ड्राइवर हैं और उनकी मां कोठियों में सफाई का काम करती हैं, वहीं राहुल की मां भी सफाई कर्मी हैं और उनके पिता की आंखों की रोशनी चली गई है। इन दोनों ने न केवल मेडल जीते, बल्कि छोटे बच्चों को ताइक्वांडो सिखाकर अपने परिवार की जिम्मेदारियों को भी निभाया है। आइए, जानते हैं इनकी प्रेरणादायक कहानी।


सोनू और राहुल की गोल्डन जीत


आगरा में आयोजित 6वीं ओपन नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में हरिपुर के राहुल और सेक्टर-4 के सोनू मेहंदीवाला ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। राहुल ने इससे पहले 8वीं एशिया कप में भी गोल्ड जीता था और योगा में नेशनल प्लेयर हैं। उनके नाम स्टेट, नेशनल और ओपन टूर्नामेंट्स में 25 से अधिक मेडल हैं। सोनू, जिन्हें मेहंदीवाला के नाम से जाना जाता है, ने भी 15 से ज्यादा मेडल जीते हैं। वह मेहंदी लगाने और मेडिकल स्टोर पर काम करके अपने परिवार की मदद करते हैं। कोच अमिता ने बताया कि आर्थिक तंगी के बावजूद इन खिलाड़ियों ने मेहनत से यह मुकाम हासिल किया।


आलम अंसारी को सर्वश्रेष्ठ रेफरी का खिताब


चैंपियनशिप में पंचकूला के आलम अंसारी ने सर्वश्रेष्ठ रेफरी का खिताब जीता। सूरजपुर के निवासी आलम 10 साल से ताइक्वांडो के खिलाड़ी हैं और हाल ही में नेपाल में हुए 8वें एशिया कप में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं। उनके पिता सेक्टर-4 में गन्ने के रस की रेहड़ी लगाते हैं। आलम अब पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे हैं और अपनी फिटनेस पर ध्यान दे रहे हैं। उनकी मेहनत और लगन उन्हें एक बेहतरीन एथलीट बनाती है।


प्रेरणा की मिसाल


राहुल और सोनू न केवल अपने लिए, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन गए हैं। राहुल बच्चों को ताइक्वांडो की होम ट्यूशन देकर अपने पिता के इलाज और घर का खर्च चलाते हैं। सोनू भी मेहंदी और मेडिकल स्टोर के काम के साथ ताइक्वांडो में नाम कमा रहे हैं। इन युवाओं ने साबित कर दिया है कि अगर जज्बा हो, तो कोई भी मुश्किल रास्ता नहीं रोक सकता। उनकी यह उपलब्धि पंचकूला के लिए गर्व की बात है।