पंचकूला में सड़क हादसों के पीड़ित परिवारों को 55.88 लाख रुपये का मुआवजा

मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल का फैसला
Motor Accident Compensation, (पंचकूला) : पंचकूला के मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने तीन अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले युवकों के परिवारों को कुल 55.88 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्णय लिया है। ये घटनाएं पंचकूला, यमुनानगर और कैथल में हुईं, जिनमें 20 वर्षीय मनु चौहान, 20 वर्षीय आशु और 16 वर्षीय जितेंद्र की जान चली गई।
जज वेद प्रकाश सिरोही ने पुलिस की जांच, गवाहों के बयान और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर चालकों की लापरवाही को इन हादसों का मुख्य कारण माना। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार माता-पिता को अलग-अलग 'फिलियल कंसोर्टियम' के तहत मुआवजा देने का आदेश दिया है। मुआवजा राशि पर 6% वार्षिक ब्याज भी जोड़ा जाएगा।
कोर्ट के निर्णय में कहा गया कि मनु, आशु और जितेंद्र तीनों अविवाहित थे और उनके माता-पिता उन पर निर्भर थे। इस आधार पर सुप्रीम कोर्ट के सतिंदर कौर और सोमवती मामले के संदर्भ में दोनों माता-पिता को फिलियल कंसोर्टियम का मुआवजा दिया गया है। अदालत ने यह भी कहा कि यह निर्णय सड़क दुर्घटनाओं में प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पहला हादसा: मनु की मां को 17.35 लाख का मुआवजा
29 मई 2024 को एनएच-7 पर मौली गांव के निकट तेज रफ्तार ट्रक ने 20 वर्षीय मनु चौहान को कुचल दिया। गंभीर स्थिति में उन्हें सेक्टर-6 जनरल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अदालत ने मनु की मां बबीता को 17.35 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया, जो ट्रक की बीमा कंपनी द्वारा अदा किया जाएगा।
दूसरा हादसा: जितेंद्र के परिवार को 17 लाख का मुआवजा
26 जुलाई 2024 को कैथल के गांव बलवंती के पास सड़क किनारे टॉयलेट कर रहे 16 वर्षीय जितेंद्र को ट्रक ने कुचल दिया। अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया। अदालत ने उसके माता-पिता जय राम बिंद और कौशल्या को 17.95 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया। चूंकि ट्रक का परमिट हादसे के समय मान्य नहीं था, इसलिए चालक और मालिक को राशि चुकाने का निर्देश दिया गया।
तीसरा हादसा: आशु के परिवार को 20 लाख का मुआवजा
31 जुलाई 2024 को सढौरा (यमुनानगर) के कनिपाला गांव के पास 20 वर्षीय आशु को बाइक सवार ने टक्कर मार दी। अदालत ने उसके माता-पिता करमजीत सिंह और पुष्पा देवी को 20.57 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया। चूंकि बाइक चालक के पास लाइसेंस नहीं था, इसलिए उसे सीधे भुगतान करने का निर्देश दिया गया।