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पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया पर भ्रष्टाचार के आरोपों में मुकदमा चलाने की मंजूरी

पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया पर भ्रष्टाचार के आरोपों में मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई है। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने इस मामले में कार्रवाई की है, जिसमें मजीठिया पर 700 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति रखने का आरोप है। यह संपत्ति कथित तौर पर ड्रग तस्करी से जुड़ी है। मजीठिया ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और क्या है आगे की प्रक्रिया।
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पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया पर भ्रष्टाचार के आरोपों में मुकदमा चलाने की मंजूरी

पंजाब के राज्यपाल ने दी मंजूरी


चंडीगढ़: पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ राज्य सतर्कता ब्यूरो द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। यह मंजूरी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19 के तहत दी गई है, जो पंजाब कैबिनेट द्वारा 8 सितंबर को की गई सिफारिश के बाद आई है।


ड्रग तस्करी से जुड़े आरोप

मजीठिया पर 700 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति रखने का आरोप है, जो उनकी घोषित आय से लगभग 1,200% अधिक है। यह संपत्ति 2013 में एक ड्रग तस्करी नेटवर्क से जुड़े 540 करोड़ रुपये के धनशोधन के माध्यम से अर्जित की गई थी, जैसा कि सरकारी सूत्रों ने बताया है।


छापेमारी और गिरफ्तारी

मजीठिया, जो मजीठा से तीन बार विधायक रह चुके हैं, को 25 जून को उनके अमृतसर स्थित आवास और 25 अन्य स्थानों पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था। सतर्कता ब्यूरो ने इस कार्रवाई में डिजिटल उपकरण, संपत्ति के दस्तावेज और वित्तीय रिकॉर्ड जब्त किए। मोहाली की अदालत ने उन्हें 26 जून को सात दिनों की पुलिस हिरासत में रखा, जिसे बाद में चार दिनों के लिए बढ़ा दिया गया। उन्हें 6 जुलाई को न्यायिक हिरासत में भेजा गया।


ड्रग रैकेट की जांच का मामला

ब्यूरो ने 22 अगस्त को एक विस्तृत आरोपपत्र पेश किया, जिसमें 40,000 से अधिक पन्नों के साक्ष्यों और 200 से अधिक गवाहों के बयानों का समावेश था। यह जांच 2013 में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा संचालित 6,000 करोड़ रुपये के सिंथेटिक ड्रग रैकेट की जांच पर आधारित है, जिसमें मजीठिया का नाम भी शामिल था।


मजीठिया का राजनीतिक आरोप

हालांकि पहले अदालतों ने ड्रग से जुड़े आरोपों को खारिज कर दिया था, लेकिन वर्तमान मामला भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग पर केंद्रित है। मजीठिया ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज किया है। अगस्त में उनकी नियमित जमानत खारिज कर दी गई थी, लेकिन सितंबर में उन्हें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से अंतरिम राहत मिली। मुकदमा अब मोहाली की एक सत्र अदालत में चलेगा।