पंजाब क्रशर मालिकों का नया माइनिंग एक्ट के खिलाफ विरोध

क्रशर मालिकों का विरोध
अमरजीत बंसल फिर बने मुबारकपुर क्रशर एसोसिएशन के प्रधान
चंडीगढ़ समाचार: डेराबस्सी में क्रशर मालिकों ने पंजाब सरकार द्वारा हाल ही में पेश किए गए 'पंजाब रेगुलेशन ऑफ क्रशर यूनिट्स, स्टॉकिट्स व रिटेलर एक्ट, 2025' और इसके नियमों का कड़ा विरोध किया है। पंजाब क्रशर एसोसिएशन की एक बैठक में, मालिकों ने आरोप लगाया कि सरकार क्रशर यूनिट्स को बंद करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नीति बनाने वाले अधिकारियों ने उन्हें गुमराह किया है। एसोसिएशन ने पंजाब के मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास किया, लेकिन समय नहीं मिलने पर उन्होंने कोर्ट में इस एक्ट के खिलाफ चुनौती दी है।
नए शुल्क और नियम
सदस्यों ने बताया कि सरकार ने पहले 10,000 रुपये की फीस को बढ़ाकर 2022 में 1 लाख रुपये और 2024 में 2 लाख रुपये कर दिया। अब उन पर 50,000 रुपये की नई प्रोसेसिंग फीस भी लगाई गई है, जबकि प्रोसेसिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा, प्रशासनिक फीस भी अलग से लगाई जा रही है। एनवायरनमेंट मैनेजमेंट फंड (ईएमएफ) जो नदी में माइनिंग करने वाले ठेकेदारों पर लागू होता है, उसे क्रशरों पर 1 रुपये प्रति फीट की दर से लगाया गया है। क्रशर यूनिट्स को कच्चे माल की व्यवस्था के लिए कोई सहायता नहीं दी गई है। सरकार से कोई आश्वासन न मिलने पर उन्होंने कोर्ट में इस एक्ट को चुनौती दी है।
नए चुनाव और पदाधिकारियों की नियुक्ति
इस बैठक में मुबारकपुर क्रशर एसोसिएशन के चुनाव में सर्वसम्मति से अमरजीत बंसल को फिर से प्रधान चुना गया। इस चुनाव में 40 से अधिक सदस्य उपस्थित थे। अमरजीत का नाम ओमप्रकाश ने प्रस्तावित किया, जिसे सीताराम ने समर्थन दिया। पुनीत मक्कड़ को सीनियर उप प्रधान, सुरेंद्र गोयल को वाइस प्रधान और अशोक सिंगला को महासचिव चुना गया। विकास गोयल को संयुक्त सचिव और टेक चंद्र सिंगला को कैशियर बनाया गया। इसके अलावा, नीरज चौधरी और केदार गर्ग को कार्यकारिणी सदस्य नियुक्त किया गया।