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पंजाब मंत्री अमन अरोड़ा ने नेपाल में बढ़ते Gen-Z विरोध पर जताई चिंता

पंजाब के मंत्री अमन अरोड़ा ने नेपाल में चल रहे Gen-Z आंदोलन के खिलाफ बढ़ते विरोध पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि पंजाब में रह रहे नेपाली नागरिक पूरी तरह सुरक्षित हैं और उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। मंत्री ने युवाओं से अपील की कि विरोध का तरीका लोकतांत्रिक होना चाहिए और हिंसा से केवल नुकसान होता है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब सरकार नेपाल की स्थिति पर नजर रखे हुए है और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
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पंजाब मंत्री अमन अरोड़ा ने नेपाल में बढ़ते Gen-Z विरोध पर जताई चिंता

नेपाल में Gen-Z आंदोलन का बढ़ता विरोध

समाचार :- नेपाल में हाल के दिनों में Gen-Z आंदोलन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेजी से बढ़ रहे हैं। काठमांडू सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शनकारियों और प्रशासन के बीच झड़पें हो रही हैं। इस संदर्भ में पंजाब सरकार ने एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है।



पंजाब के मंत्री अमन अरोड़ा ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाएं किसी भी सभ्य समाज के लिए स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि नेपाल में जो कुछ भी हो रहा है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।


उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में निवास कर रहे नेपाली नागरिकों को डरने की आवश्यकता नहीं है। वर्तमान में, हमारे नेपाली भाई-बहन, बच्चे और छात्र पंजाब में पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्हें किसी भी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। पंजाब सरकार उनकी सुरक्षा और सम्मान की पूरी जिम्मेदारी लेती है।


अमन अरोड़ा ने बताया कि पंजाब और नेपाल के बीच ऐतिहासिक संबंध रहे हैं, और यहां बड़ी संख्या में नेपाली लोग काम और अध्ययन के लिए रहते हैं। इसलिए, उनकी सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि समाज में किसी भी प्रकार का भेदभाव या डर का माहौल नहीं होना चाहिए।


युवाओं से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि विरोध का तरीका हमेशा लोकतांत्रिक होना चाहिए। हिंसा से केवल नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि नेपाल की स्थिति को लेकर सभी को संयम और संवाद की नीति अपनानी चाहिए, ताकि शांति स्थापित हो सके। इसके अलावा, पंजाब सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर नेपाल की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है।


यहां रहने वाले नेपाली नागरिकों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इस बयान के माध्यम से पंजाब सरकार ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि पड़ोसी देश की अशांति का असर यहां रह रहे लोगों की सुरक्षा पर नहीं पड़ेगा। सभी नागरिक बिना किसी भय के अपने कार्यों में लगे रह सकते हैं।