पंजाब में उद्यमिता का नया युग: फास्टट्रैक पोर्टल से मिली नई गति
मुख्यमंत्री भगवंत मान का दृष्टिकोण
चंडीगढ़: पंजाब में विकास की परिभाषा अब केवल चौड़ी सड़कों या ऊँची इमारतों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह छोटे व्यवसायियों के आत्मविश्वास से भी जुड़ गई है। पहले जहां उद्यमियों को सरकारी मंजूरियों के लिए महीनों इंतज़ार करना पड़ता था, वहीं अब वे कुछ ही दिनों में अपने उद्योग की शुरुआत कर पा रहे हैं।
जिला-स्तरीय सुधारों का प्रभाव
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में शुरू किए गए "ज़िला-स्तरीय सुधार" और ‘फास्टट्रैक पंजाब पोर्टल’ ने कार्यप्रणाली में तेजी लाई है। ये सुधार न केवल प्रशासनिक दक्षता का प्रतीक हैं, बल्कि पंजाब की आत्मा में नई ऊर्जा का संचार कर रहे हैं।
सच्ची तरक्की का मापदंड
तरक्की अब जमीनी स्तर तक
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह समझा है कि असली विकास सड़कें या इमारतें नहीं, बल्कि आम नागरिक की सहज ज़िंदगी है। पहले, पंजाब में नया उद्योग स्थापित करना एक कठिनाई से भरा कार्य था, जहां भ्रष्टाचार और देरी ने छोटे व्यापारियों का मनोबल तोड़ रखा था। लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। ज़िला-स्तरीय सुधारों ने सरकारी प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बना दिया है, जिससे छोटे उद्यमियों को सम्मान और सुविधा दोनों मिल रही हैं।
फास्टट्रैक पंजाब पोर्टल का महत्व
फास्टट्रैक पंजाब पोर्टल बना बदलाव की नींव
29 मई 2025 को लॉन्च किया गया ‘फास्टट्रैक पंजाब पोर्टल’ मान सरकार की पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस पोर्टल के माध्यम से उद्योगों के लिए आवश्यक मंजूरियाँ अब ऑनलाइन प्राप्त की जा रही हैं। फरवरी 2025 में लंबित 8,075 आवेदन अब घटकर केवल 283 रह गए हैं, जो 96% की कमी दर्शाता है। ज़िला स्तर पर निपटान दर 98% तक पहुँच गई है। ₹21,700 करोड़ की परियोजनाएँ आकर्षित करने वाला यह पोर्टल पंजाब के निवेश वातावरण में नई जान फूंक रहा है।
मंजूरियों की प्रक्रिया में तेजी
अब मंजूरियां ‘दिनों’ में, ‘महीनों’ में नहीं
पोर्टल के माध्यम से निवेशकों को अब ₹125 करोड़ तक की परियोजनाओं की स्वीकृति शीघ्र मिलती है। औद्योगिक पार्क के भीतर मंजूरी केवल पाँच दिनों में और बाहर की परियोजनाओं को 15 से 18 दिनों में दी जाती है। पहले जहां एक छोटा उद्योग स्थापित करने में महीनों लगते थे, अब यह प्रक्रिया कुछ ही दिनों में पूरी हो रही है। यह बदलाव न केवल औद्योगिक वृद्धि को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि युवाओं के आत्मविश्वास को भी नई ऊँचाई दे रहा है।
हर वर्ग के उद्यमियों को लाभ
हर वर्ग के उद्यमी को मिल रहा लाभ
फास्टट्रैक पोर्टल का सबसे बड़ा लाभ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को मिला है। पहले जहां 15 से 20 तरह की मंजूरियाँ लेनी पड़ती थीं, अब उनकी संख्या घटकर केवल 5-6 रह गई है। इससे न केवल प्रक्रिया आसान हुई है, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगा है। छोटे कारीगर और स्थानीय व्यवसायी अब बिना पैरवी और रिश्वत के अपने सपनों को साकार कर पा रहे हैं। यह दक्षता अब कागज़ों पर नहीं, ज़मीन पर नज़र आ रही है।
निवेश का विस्तार
अब निवेश हर ज़िले तक पहुंचा
पहले लुधियाना और मोहाली जैसे शहर ही निवेश का केंद्र थे, लेकिन अब मान सरकार की समान विकास नीति से औद्योगिक लहर हर ज़िले तक पहुँच चुकी है। यह सुधार न केवल ‘Ease of Doing Business’ की रैंकिंग में सुधार कर रहे हैं, बल्कि पंजाब के हर नागरिक में आशा जगा रहे हैं। गाँवों और छोटे शहरों में भी रोजगार के अवसर बढ़े हैं, जिससे युवाओं का पलायन घट रहा है। पंजाब का हर ज़िला अब विकास का नया केंद्र बन रहा है।
ईमानदारी की नई व्यवस्था
ईमानदारी से जन्मी नई व्यवस्था
मान सरकार ने यह साबित कर दिया है कि नीयत साफ़ हो तो बदलाव ज़मीनी होता है। सरकारी दफ्तरों में पुराने केसों को लगभग खत्म कर पारदर्शिता को मजबूत किया गया है। अब पंजाब देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है जहाँ बिज़नेस करना सबसे आसान हो गया है। यह सिर्फ प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि पंजाब के आत्म-सम्मान का पुनर्जन्म है- जहां मेहनत की क़ीमत है, पैरवी की नहीं। यही है नया रंगला पंजाब, जो ईमानदारी और दक्षता की मिसाल बन चुका है।
