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पंजाब में कृषि क्रांति: युवा इंजीनियरों का खेती की ओर रुझान

पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति देखने को मिल रही है। युवा इंजीनियर अब खेती को अपना मुख्य व्यवसाय बना रहे हैं और पॉलीहाउस जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर शानदार मुनाफा कमा रहे हैं। जानें कैसे सरकार की योजनाएं किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद कर रही हैं और हरबीर सिंह जैसे किसानों की सफलता की कहानी।
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पंजाब में कृषि क्रांति: युवा इंजीनियरों का खेती की ओर रुझान

मुख्यमंत्री भगवंत मान की पहल से बदल रही खेती की तस्वीर

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में, पंजाब सरकार ने किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाएं और आधुनिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा दिया है, जिससे राज्य में खेती का स्वरूप बदल रहा है। अब युवा इंजीनियर अपनी उच्च-भुगतान वाली नौकरियों को छोड़कर कृषि को अपना मुख्य व्यवसाय बना रहे हैं और पॉलीहाउस जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके 12 से 14 लाख रुपये तक का लाभ कमा रहे हैं। यह केवल एक किसान की कहानी नहीं है, बल्कि 'रंगला पंजाब' की ओर बढ़ते कृषि क्रांति का प्रतीक है।


किसानों की आय में वृद्धि के लिए सरकार की सक्रियता

पंजाब के बागवानी मंत्री मोहिंदर भगत के मार्गदर्शन में, बागवानी विभाग राज्य में फसली विविधता को बढ़ावा देने और किसानों की आय को बढ़ाने के लिए तेजी से कार्य कर रहा है। सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए लुधियाना जिले के गांव सराभा के किसान हरबीर सिंह अब पॉलीहाउस खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं और अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।


इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद खेती को अपनाया

बागवानी निदेशक शैलेंद्र कौर ने बताया कि इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद हरबीर ने नौकरी के बजाय खेती को अपना पेशा चुना। उन्होंने पारंपरिक खेती को आधुनिक तकनीकों के साथ जोड़कर नए मानक स्थापित किए हैं।

किसान हरबीर सिंह का कहना है कि बागवानी विभाग ने उन्हें पॉलीहाउस खेती के लिए आवश्यक जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान किया। वह बताते हैं कि वह पॉलीहाउस में बीजरहित खीरा, रंगीन शिमला मिर्च, खरबूजे, आलू और मेथी की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें 12 से 14 लाख रुपये तक का औसत मुनाफा हो रहा है।

हरबीर ने बताया कि 2014 में पारंपरिक सब्जियों की खेती में बदलाव करते हुए उन्होंने करतारपुर स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सब्जियां) से प्रशिक्षण लिया। उन्होंने 'राष्ट्रीय बागवानी मिशन' के तहत सब्सिडी लेकर पॉलीहाउस स्थापित किया और रंगीन शिमला मिर्च और बीजरहित खीरे की खेती शुरू की।


बागवानी विभाग का सहयोग

हरबीर सिंह ने बताया कि खेती में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने समय-समय पर बागवानी विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया। उनके अनुसार, मेहनत, काम के प्रति समर्पण, समस्याओं को समझना और बागवानी विभाग से मिली सहायता उनकी सफलता की कुंजी है।

पंजाब सरकार की किसान-हितैषी योजनाएं किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। हरबीर सिंह जैसे किसान यह साबित करते हैं कि सही तकनीक, मेहनत और मुख्यमंत्री भगवंत मान जी के नेतृत्व में मिली सरकारी सहायता मिलकर पंजाब के किसानों के लिए समृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।