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पंजाब में धान की सीधी बिजाई में बढ़ोतरी, किसानों को मिल रही वित्तीय सहायता

पंजाब में धान की सीधी बिजाई में 11.86% की वृद्धि हुई है, जिससे किसानों को न केवल आर्थिक लाभ हो रहा है, बल्कि जल संरक्षण में भी मदद मिल रही है। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड़ियां ने बताया कि इस वर्ष 2.83 लाख एकड़ में धान की सीधी बिजाई की गई है। इसके साथ ही, किसानों को 1,500 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता भी दी जा रही है। जानें इस नई तकनीक के फायदों और सरकार की योजनाओं के बारे में।
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पंजाब में धान की सीधी बिजाई में बढ़ोतरी, किसानों को मिल रही वित्तीय सहायता

धान की सीधी बिजाई में 11.86% की वृद्धि


गुरमीत सिंह खुड़ियां का बयान : पंजाब सरकार और कृषि विभाग के प्रयासों के चलते, अब राज्य के किसान धान की सीधी बिजाई की ओर बढ़ रहे हैं। यह एक आधुनिक तकनीक है, जो न केवल किसानों के लिए फायदेमंद है, बल्कि पानी की भी बचत करती है।


कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड़ियां ने बताया कि इस वर्ष धान की सीधी बुआई (डीएसआर) के अंतर्गत रकबे में पिछले वर्ष की तुलना में 11.86 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।


2.83 लाख एकड़ में धान की सीधी बिजाई

खुड़ियां ने बताया कि इस वर्ष अब तक 2.83 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में धान की सीधी बिजाई की जा चुकी है, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 2.53 लाख एकड़ था। उन्होंने उम्मीद जताई कि धान की बुआई अभी भी जारी है, जिससे रकबा और बढ़ेगा।


किसानों को मिल रही वित्तीय सहायता

कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में, पंजाब सरकार जल संरक्षण में सहायक सीधी बिजाई विधि को अपनाने वाले किसानों को 1,500 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि खरीफ सीजन 2024 के दौरान डीएसआर तकनीक अपनाने वाले 24,032 किसानों के बैंक खातों में यह राशि ट्रांसफर की जा चुकी है।


जल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण विधि

खुड़ियां ने भूमिगत जल बचाने वाले टिकाऊ कृषि अभ्यासों को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के प्रति पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को डीएसआर तकनीक को बढ़ावा देने के लिए बधाई भी दी।