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पंजाब में नशा तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई: मजीठिया पर चार्जशीट दाखिल

पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने नशा तस्करी और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ 140 पृष्ठों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें 45,000 पृष्ठों के दस्तावेजी सबूत और 200 से अधिक गवाहों के बयान शामिल हैं। इस कार्रवाई के दौरान 15 स्थानों पर छापेमारी की गई और मजीठिया की अवैध संपत्तियों का खुलासा हुआ। हालांकि, विपक्ष ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
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पंजाब में नशा तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई: मजीठिया पर चार्जशीट दाखिल

मुख्यमंत्री भगवंत मान की निर्णायक कार्रवाई

पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने नशा तस्करी और भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ 140 पृष्ठों की चार्जशीट पेश की है, जिसमें लगभग 45,000 पृष्ठों के दस्तावेजी सबूत, 400 बैंक खातों का विश्लेषण, और 200 से अधिक गवाहों के बयान शामिल हैं।


इस जांच के दौरान 15 स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें मजीठिया से संबंधित 30 संपत्तियां, 10 वाहन और 15 कंपनियों/फर्मों की पहचान की गई। ये संपत्तियां उनके मंत्री रहते हुए अर्जित अवैध संपत्ति मानी जा रही हैं। इस दौरान यह भी सामने आया कि उन्होंने अपनी आमदनी से 1,200 प्रतिशत अधिक संपत्ति इकट्ठा की, जिसकी अनुमानित कीमत 700 करोड़ रुपये है।


मुख्यमंत्री मान ने इस कार्रवाई को “विवेकपूर्ण और निर्णायक कदम” बताते हुए कहा कि अब पंजाब में कानून का शासन होगा, न कि दबाव या रसूख का दखल। उनका संदेश स्पष्ट था कि जब तक जनता और युवाओं का भविष्य खतरे में है, तब तक किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।


इस कार्रवाई को समाज में व्यापक समर्थन मिल रहा है। सोशल मीडिया से लेकर गांवों तक, अभिभावकों ने इसे नशा माफिया पर नियंत्रण के लिए एक निर्णायक कदम के रूप में सराहा है। इससे यह संदेश भी गया कि अब कोई भी राजनीतिक संरक्षण से बचने वाला नहीं है।


हालांकि, विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि यह राजनीतिक "छूटतोड़" या प्रतिशोध की कार्रवाई है। SAD नेताओं ने कहा कि बिना वारंट के की गई गिरफ्तारी और कार्रवाई विधिपूर्ण नहीं थी और यह केवल विपक्ष के वर्चस्व को दबाने की कोशिश है।


मान सरकार का यह कदम केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि उस राजनीति और समाज के ढांचे पर प्रहार है जिसमें सत्ता का दुरुपयोग सामान्य बात है। इस कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पंजाब में ‘माफिया संरक्षित राजनीति’ का युग अब समाप्त हो चुका है और सत्ता का मतलब सेवा और निष्पक्षता होगा।