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पंजाब में नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई: स्वास्थ्य मंत्री ने साझा की नई योजनाएं

पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ एक सशक्त मुहिम शुरू की है, जिसमें तस्करों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आयुष्मान योजना के तहत 65 लाख लोगों को मुफ्त इलाज का लाभ देने की घोषणा की। नशा छुड़ाने के केंद्रों में सुधार और बच्चों को जागरूक करने के प्रयास भी चल रहे हैं। जानें इस अभियान के सकारात्मक परिणाम और सरकार की नई योजनाओं के बारे में।
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पंजाब में नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई: स्वास्थ्य मंत्री ने साझा की नई योजनाएं

पंजाब सरकार की नशे के खिलाफ मुहिम

Punjab News: पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ एक व्यापक अभियान शुरू किया है, जिसमें तस्करों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। नशा छोड़ने वाले व्यक्तियों को नशा छुड़ाने के केंद्रों में भर्ती किया जा रहा है। इस मुहिम के तहत लोग जागरूक होकर पुलिस को तस्करों के बारे में गुप्त सूचनाएं दे रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने जालंधर में पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पिम्स) अस्पताल का दौरा करते हुए बताया कि इस अभियान के तहत तस्करों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जा रही है।


आयुष्मान योजना की नई जानकारी

आयुष्मान स्कीम को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी


स्वास्थ्य मंत्री ने पिम्स अस्पताल में आयुष्मान योजना के बारे में भी जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि अब इस योजना में पूरे परिवार का नाम शामिल किया जाएगा, जिससे 65 लाख से अधिक लोग मुफ्त चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। इसके अलावा, सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्याओं के समाधान के लिए एक समिति का गठन किया गया है और अन्य अस्पतालों में आ रही कमियों को भी जल्द ही दूर किया जाएगा।


नशा छुड़ाने के प्रयासों में सुधार

डॉ. सिंह ने कहा कि नशा छुड़ाने के केंद्रों और अन्य संस्थानों से लगातार फीडबैक लिया जा रहा है। पहले नशा छोड़ने वालों के लिए संसाधनों की कमी थी, जिसे अब दूर कर दिया गया है। मेडिकल अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण देकर इन लोगों के पुनर्वास पर जोर दिया जा रहा है। डेटा विश्लेषण से पता चला है कि पहले चिट्टे का प्रभाव अधिक था, लेकिन अब आइस ड्रग्स और अन्य नशों के मामले भी बढ़ रहे हैं।


बच्चों को नशे से बचाने के उपाय

बच्चों को किया जा रहा जागरूक 


डॉ. सिंह ने बताया कि नशे को समाप्त करने के लिए पुलिस के साथ-साथ स्कूलों में बच्चों को जागरूक किया जा रहा है। पार्कों में जिम स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि युवाओं का ध्यान नशे से हटाकर फिटनेस और खेल की ओर मोड़ा जा सके। नशा छोड़ने वालों को रोजगार दिलाने की व्यवस्था भी की जा रही है, जिससे वे समाज में फिर से अपनी पहचान बना सकें।


सरकार के इन प्रयासों से सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। अब माता-पिता खुद अपने बच्चों को नशा छुड़ाने के लिए केंद्रों में भर्ती करा रहे हैं, जबकि कई तस्कर पंजाब छोड़कर भाग रहे हैं। जेलों में भी नशे के आदी कैदियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वे नशे की गिरफ्त से बाहर निकल सकें।