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पंजाब में पीएम ग्राम सड़क योजना-III के तहत परियोजनाओं का रद्द होना

मोदी सरकार ने पंजाब में पीएम ग्राम सड़क योजना-III के तहत कई महत्वपूर्ण सड़क और पुल परियोजनाओं को रद्द कर दिया है, जिसकी कुल लागत 800 करोड़ रुपये से अधिक है। यह निर्णय राज्य की आर्थिक स्थिति को और भी गंभीर बना सकता है, क्योंकि पहले से ही ग्रामीण विकास फंड में भारी कमी है। इन परियोजनाओं के ठप होने से स्थानीय निवासियों की समस्याएं बढ़ने की संभावना है। जानें इस फैसले के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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मोदी सरकार का बड़ा फैसला

मोदी सरकार ने पीएम ग्राम सड़क योजना-III के तहत पंजाब में कई सड़क और पुल परियोजनाओं को रद्द कर दिया है, जिनकी कुल लागत 800 करोड़ रुपये से अधिक है। यह निर्णय राज्य की आर्थिक स्थिति को और भी गंभीर बना सकता है, क्योंकि पहले से ही पंजाब का ग्रामीण विकास फंड 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का रुका हुआ है। इन फंडों की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार पहले से ही कठिन हो चुका है, और अब इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के ठप होने से स्थानीय निवासियों की समस्याएं बढ़ने की संभावना है।


इन परियोजनाओं में कुल 64 सड़कों की लंबाई लगभग 628 किलोमीटर है, जिनका अपग्रेडेशन रुका हुआ है। इसके अलावा, 38 बड़े पुल जो 15 मीटर से अधिक लंबे हैं, उनका निर्माण भी अधर में है। इन परियोजनाओं को 31 मार्च 2025 तक शुरू करने की शर्त थी, लेकिन राज्य सरकार द्वारा टेंडर प्रक्रिया में देरी के कारण केंद्र ने यह कठोर कदम उठाया है।


पंजाब लोक निर्माण विभाग के सूत्रों के अनुसार, इनमें से 59 प्रोजेक्ट ऐसे थे जिनमें फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक का उपयोग होना था, जो विशेषज्ञता की मांग करती है और इस तकनीक से संबंधित कंसल्टेंसी फर्मों की कमी भी एक बड़ी बाधा बनी। टेंडर प्रक्रिया चार बार विफल रहने के बाद केवल मई के अंत में सही फर्म का चयन किया जा सका। साथ ही, मार्च 2025 में स्वीकृत कुछ अन्य प्रोजेक्ट अभी टेंडरिंग की प्रक्रिया में हैं, जिनका निर्माण इसी महीने शुरू होना था।


राज्य सरकार ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को एक पत्र भेजकर कहा है कि इतने बड़े पैमाने पर काम रोकने से जनता में भारी असंतोष होगा, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां सड़क और पुल विकास की अत्यधिक आवश्यकता है। ये परियोजनाएं अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट और तरनतारन के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां सांसदों ने भी सुधार के लिए तात्कालिक कार्रवाई की मांग की थी।


मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी केंद्र को लिखे पत्र में इन सड़कों और पुलों के महत्व को उजागर किया है। उन्होंने बताया कि ये पुल उन सड़कों को जोड़ेंगे जो पहले PMGSY-III के तहत बन चुकी हैं, और इनके बिना इन सड़कों का उपयोग सीमित रह जाएगा।