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पंजाब में बाढ़ के बाद स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए मुफ्त चिकित्सा शिविर

पंजाब में बाढ़ के बाद स्वास्थ्य संकट को नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मुफ्त चिकित्सा शिविरों की शुरुआत की है। पिछले तीन दिनों में 2100 गांवों में 1.42 लाख लोगों की जांच की गई, जिसमें बुखार, त्वचा रोग और डायरिया के मामले शामिल हैं। सरकार रोजाना स्वास्थ्य आंकड़े साझा कर रही है, और आशा कार्यकर्ता लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इस पहल के तहत लाखों लोग लाभान्वित हो चुके हैं। जानें इस अभियान के बारे में और अधिक जानकारी।
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पंजाब में बाढ़ के बाद स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए मुफ्त चिकित्सा शिविर

मुख्यमंत्री भगवंत मान की पहल

पंजाब में बाढ़ के बाद फैल रही बीमारियों को रोकने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मुफ्त चिकित्सा शिविरों की शुरुआत की है। पिछले तीन दिनों में 2100 गांवों में 1.42 लाख लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई, जिसमें बुखार, त्वचा रोग और डायरिया के मामले सामने आए हैं। सरकार हर दिन शाम 6 बजे स्वास्थ्य आंकड़े साझा कर रही है, और आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। अब तक 1.8 लाख लोग इन शिविरों से लाभान्वित हो चुके हैं.


स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना

हाल की बाढ़ ने पंजाब में स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों को बढ़ा दिया है, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, “पंजाब मेरा परिवार है, और मैं इसके स्वास्थ्य के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हूं।” यह पहल हर गांव और शहर तक पहुंच रही है.


मेडिकल कैंपों की उपलब्धियां

मेडिकल कैंपों की उपलब्धियां

14 से 16 सितंबर के बीच, मुफ्त चिकित्सा शिविरों में 2100 गांवों में 1,42,395 लोगों की जांच की गई। इनमें 19,187 बुखार, 22,118 त्वचा रोग और 14,848 डायरिया व अन्य संक्रमण के मामले दर्ज किए गए। स्वास्थ्य विभाग ने 1250 से अधिक राहत कैंप स्थापित किए हैं, जिनसे 1.8 लाख लोग लाभान्वित हुए हैं। आंगनवाड़ी और आशीर्वाद केंद्रों में भी चिकित्सा टीमें तैनात की गई हैं.


रोजाना आंकड़े साझा करने की पहल

रोजाना आंकड़े साझा करने की पहल

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि स्वास्थ्य विभाग हर दिन शाम 6 बजे बीमारियों के आंकड़े साझा करेगा। इससे लोगों को सटीक जानकारी मिलेगी और वे सतर्क रहेंगे। मान ने अपील की है कि कोई भी लक्षण दिखने पर लोग नजदीकी कैंप में जांच करवाएं। यह पारदर्शिता जनता का भरोसा बढ़ा रही है.


जागरूकता और रोकथाम

जागरूकता और रोकथाम

आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्वे कर रहे हैं और लोगों को साफ पानी, स्वच्छता और मच्छरों से बचाव की सलाह दे रहे हैं। लाखों लोगों का चेकअप हो चुका है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता, मंत्री और विधायक भी राहत कार्यों में जुटे हैं, जिससे अभियान को और बल मिला है.


सख्त निगरानी और सुविधाएं

सख्त निगरानी और सुविधाएं

बाढ़ के बाद संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार ने पहले से तैयारी शुरू कर दी थी। बड़े अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं और डॉक्टर 24 घंटे तैनात हैं। मान ने भरोसा दिलाया कि हर नागरिक तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचेंगी और कोई भी परेशानी में नहीं रहेगा.