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पंजाब में बाढ़ के संकट के बीच बीमारियों का खतरा बढ़ा

पंजाब में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है, जिससे 12 जिलों में जन और धन की हानि हुई है। इसके साथ ही, जल जनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। राज्य सरकार ने हर गांव में स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए मेडिकल टीमों को तैनात किया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने स्वच्छ जल की आपूर्ति और मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की तैनाती के लिए निर्देश दिए हैं। जानें इस संकट से निपटने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं।
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पंजाब में बाढ़ के संकट के बीच बीमारियों का खतरा बढ़ा

सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के लिए उठाए कदम


पंजाब में पिछले एक सप्ताह से बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, और हाल के दो दिनों में यह और भी बिगड़ गई है। बाढ़ ने 12 जिलों को प्रभावित किया है, जिससे जन और धन की हानि हुई है। अब, जल जनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।


इस स्थिति को देखते हुए, राज्य सरकार ने हर गांव में स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए मेडिकल टीमों को तैनात किया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राहत कार्यों के साथ-साथ पानी के नमूने लेने, कीटाणुनाशक छिड़काव, और बुखार की जांच के लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं।


स्वच्छ जल की आपूर्ति पर ध्यान

मुख्यमंत्री ने जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग को निर्देश दिया है कि वे गांवों में साफ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करें। पानी के टैंकरों का उपयोग तब तक किया जाएगा जब तक जल आपूर्ति योजनाएं पूरी तरह से बहाल नहीं हो जातीं।


उन्होंने कहा कि वाटर टेस्टिंग टीमें गांवों में पानी की गुणवत्ता की जांच करेंगी ताकि किसी भी महामारी से बचा जा सके। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से पानी निकालने के लिए पंपिंग कार्य पहले से ही चल रहे हैं।


मोबाइल मेडिकल यूनिट की तैनाती

मुख्यमंत्री ने बताया कि गांवों में मोबाइल मेडिकल यूनिट्स तैनात की जा रही हैं ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। इसके अलावा, डेंगू के लार्वा की पहचान के लिए विशेष टीमें भी भेजी जा रही हैं।


इन टीमों का उद्देश्य लोगों को मलेरिया, डेंगू, दस्त, टाइफाइड और त्वचा संबंधी समस्याओं से बचाने के उपायों के बारे में जागरूक करना है। इसके साथ ही, पशुओं के इलाज और टीकाकरण के लिए भी चिकित्सा टीमें तैनात की जाएंगी।