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पंजाब में बाढ़ प्रभावित लोग लौटे घर, राहत कैंप बंद

पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ के बाद प्रभावित लोग अब अपने घर लौट चुके हैं। राज्य सरकार ने सभी राहत कैंप बंद कर दिए हैं। राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि बाढ़ के दौरान 23,340 लोगों को सुरक्षित निकाला गया और 219 राहत कैंप खोले गए थे। बाढ़ ने 22 जिलों और 2,555 गांवों को प्रभावित किया, जिसमें कई लोगों की जान गई। जानें इस आपदा के बाद राहत कार्यों की स्थिति और प्रभावित परिवारों की मदद के बारे में।
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पंजाब में बाढ़ प्रभावित लोग लौटे घर, राहत कैंप बंद

लोगों के लौटने के बाद राहत कैंप बंद

पंजाब में हाल ही में आई भयंकर बाढ़ के कारण हजारों लोग अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए थे। राहत टीमों ने बड़ी संख्या में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत कैंपों में पहुंचाया। अब जब बाढ़ का पानी कम हो गया है, सभी लोग अपने घर लौट चुके हैं। पंजाब के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि बाढ़ की स्थिति अब स्थिर है और सभी राहत कैंप बंद कर दिए गए हैं। प्रभावित परिवारों को आवश्यक राहत सामग्री की आपूर्ति जारी रहेगी।


राज्य में खोले गए थे 219 राहत कैंप

हरदीप सिंह मुंडियां ने कहा कि बाढ़ के चरम समय में पंजाब में कुल 219 राहत कैंप खोले गए थे, जहां 8,270 प्रभावित लोगों ने ठहराव किया। जैसे-जैसे स्थिति में सुधार हुआ, कैंपों की संख्या में कमी आई। अब सभी प्रभावित परिवार अपने गांवों में लौट चुके हैं और कोई भी कैंप सक्रिय नहीं है।


23,340 लोगों को बाढ़ से निकाला गया

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि 1 अगस्त से अब तक लगभग 23,340 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकाला गया। विभिन्न जिलों के प्रशासन ने कैंपों में अस्थायी आवास, भोजन, दवाइयां और अन्य आवश्यक सेवाएं प्रदान कीं। इसके अलावा, बाढ़ के बाद मलबा हटाने, मृत पशुओं का निपटान, सीवरेज की सफाई और सार्वजनिक संपत्तियों की मरम्मत के लिए भी उपाय किए गए।


22 जिलों के 2555 गांव बाढ़ से प्रभावित

कैबिनेट मंत्री ने जानकारी दी कि 22 जिलों और 2,555 गांवों में बाढ़ का प्रभाव पड़ा, जिससे 3,89,445 लोग प्रभावित हुए। इस आपदा में 57 लोगों की जान गई और 4 लोग लापता हैं। बाढ़ ने 1,99,926.2 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया है। बुनियादी ढांचे और पशुओं के नुकसान का आकलन किया जा रहा है। बचाव और राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, जल सेना और बीएसएफ की टीमें तैनात की गई थीं।