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पंजाब में बाढ़: राजनीतिक दलों की मदद के साथ चुनावी रणनीति

पंजाब में बाढ़ की स्थिति गंभीर है, जिसमें लाखों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। राजनीतिक दलों के नेता इस संकट का फायदा उठाने के लिए सक्रिय हैं, जबकि किसानों को राहत देने के लिए मुआवजे की घोषणा की गई है। जानें कैसे ये राजनीतिक गतिविधियाँ 2027 के विधानसभा चुनावों पर असर डाल सकती हैं।
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पंजाब में बाढ़: राजनीतिक दलों की मदद के साथ चुनावी रणनीति

राजनीतिक दलों का बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा


पंजाब में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे राजनीतिक नेता


पंजाब के लोग इस समय बाढ़ की गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं। बाढ़ ने लाखों एकड़ फसल और भूमि को नष्ट कर दिया है, जिससे हजारों लोगों के घर भी गिर गए हैं। इस संकट के समय में कई लोग मदद के लिए आगे आए हैं, लेकिन राजनीतिक दलों के नेता भी इस मौके का फायदा उठाने में लगे हैं।


राजनीतिक नेताओं की सक्रियता


पंजाब में बाढ़ की स्थिति के बीच, विभिन्न राजनीतिक नेताओं के दौरे बढ़ गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। हाल ही में, राहुल गांधी ने भी बाढ़ पीड़ितों से मिलने के लिए दौरा किया।


राजनीतिक दलों की नजर 2027 के विधानसभा चुनाव पर है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने पहले बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जिसके बाद पीएम मोदी ने भी किसानों से मुलाकात की। भाजपा ने 25 केंद्रीय राज्य मंत्रियों को भी दौरे पर भेजा है, जो 20 सितंबर तक जारी रहेगा।


किसानों के लिए मुआवजे की घोषणा


बाढ़ से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए 20 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की घोषणा की गई है। आम आदमी पार्टी 2022 के चुनावी प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश कर रही है। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी भूपेश बघेल ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पार्टी नेताओं से मदद का आह्वान किया।


कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और विपक्ष के नेता प्रताप बाजवा ने भी बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और सहायता प्रदान की। शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है।