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पंजाब में राशन कार्ड धारकों के लिए संकट: क्या है केंद्र सरकार की नई नीति?

पंजाब में केंद्र सरकार की नई नीति के कारण लाखों गरीब राशन से वंचित हो रहे हैं। 55 लाख लोगों का मुफ्त राशन बंद करने की योजना है, जिसमें से 23 लाख का राशन पहले ही बंद किया जा चुका है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस फैसले का विरोध किया है और गरीबों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करने का आश्वासन दिया है। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी और इसके पीछे की सच्चाई।
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पंजाब में राशन कार्ड धारकों के लिए संकट: क्या है केंद्र सरकार की नई नीति?

पंजाब में राशन कार्ड धारकों की मुश्किलें

Punjab Ration card News : महंगाई और बेरोजगारी के इस दौर में, केंद्र सरकार की नई नीति के चलते पंजाब के लाखों गरीबों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। राज्य में 1.53 करोड़ राशन कार्ड धारकों में से 55 लाख जरूरतमंदों का मुफ्त राशन रोकने की योजना बनाई जा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 23 लाख लोगों का राशन जुलाई से बिना किसी पूर्व सूचना के बंद कर दिया गया है। अब 30 सितंबर के बाद 32 लाख और लोगों का राशन बंद करने की तैयारी है, जिसका कारण केवल यह बताया गया है कि उनका eKYC अपडेट नहीं हुआ है।


तकनीकी समस्याओं का बहाना, सहायता का अभाव
केंद्र सरकार का कहना है कि राशन रोकने का कारण तकनीकी है, लेकिन गरीबों को न तो समय दिया गया, न ही कोई सहायता या जागरूकता अभियान चलाया गया। यह स्थिति दर्शाती है कि सरकार गरीबों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही है। जिन लोगों के पास स्मार्टफोन या इंटरनेट की सुविधा नहीं है, उनसे ऑनलाइन प्रक्रिया की उम्मीद करना अमानवीय है।


मुख्यमंत्री भगवंत मान का विरोध
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस निर्णय का खुलकर विरोध किया है। उन्होंने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर छह महीने का समय मांगा है ताकि सभी जरूरतमंदों का eKYC पूरा किया जा सके। इसके साथ ही, उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि अधिकारी घर-घर जाकर eKYC करवाएं, ताकि कोई भी गरीब अपने हक से वंचित न हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक वे मुख्यमंत्री हैं, तब तक किसी भी गरीब का राशन कार्ड रद्द नहीं होने देंगे।


राशन का अधिकार, न कि योजना
आम आदमी पार्टी की सरकार का मानना है कि राशन केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि यह गरीबों का संवैधानिक और नैतिक अधिकार है। केंद्र सरकार का यह रवैया न केवल असंवेदनशील है, बल्कि यह सामाजिक न्याय की मूल भावना के खिलाफ भी है। तकनीकी कारणों को बहाना बनाकर लाखों लोगों को भूखे सोने पर मजबूर करना किसी भी लोकतांत्रिक सरकार के लिए उचित नहीं है।


गरीबों की गरिमा की रक्षा
यह केवल राशन कार्ड या eKYC की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह गरीबों की गरिमा, उनके जीवन और मानवता की लड़ाई है। आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस लड़ाई में गरीबों के साथ खड़ी रहेगी — बिना डर, बिना दबाव और पूरी मजबूती के साथ।