पंजाब में सामाजिक सुरक्षा की नई पहल: मुख्यमंत्री भगवंत मान की योजनाएं
मुख्यमंत्री भगवंत मान की नई नीतियों का प्रभाव
चंडीगढ़: पंजाब में सामाजिक सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में, राज्य सरकार ने 2025-26 के दौरान ऐसी नीतियों को लागू किया है, जिनका सीधा प्रभाव आम जनता के जीवन पर पड़ रहा है।
सामाजिक सुरक्षा के लिए ठोस कदम
महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर के अनुसार, बुज़ुर्गों, महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगजनों को आर्थिक सहायता, सुरक्षा और सम्मान प्रदान करने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं।
आर्थिक आधार का सुदृढ़ीकरण
वित्तीय वर्ष 2025-26 में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए 6175 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। नवंबर 2025 तक 4683.94 करोड़ रुपये पेंशन और अन्य सहायता योजनाओं में वितरित किए जा चुके हैं। वर्तमान में 35.29 लाख से अधिक लाभार्थियों को नियमित आर्थिक सहायता मिल रही है, जो राज्य में सामाजिक सुरक्षा के व्यापक नेटवर्क को दर्शाता है।
बाल संरक्षण और सामाजिक कुरीतियों का उन्मूलन
बाल भिक्षावृत्ति को समाप्त करने के लिए प्रोजेक्ट जीवनजोत के तहत हर महीने विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। जीवनजोत 2.0 के उन्नत संस्करण से बाल तस्करी में शामिल व्यक्तियों की पहचान करना आसान हो गया है। अब तक 766 बच्चों को रेस्क्यू कर शिक्षा और पुनर्वास से जोड़ा गया है। वर्ष 2025 में 64 बाल विवाह भी समय पर रोके गए हैं।
सुरक्षित परिवहन और समावेशी लोकतंत्र
सेफ स्कूल वाहन नीति के तहत चार महीनों में 2385 स्कूली बसों की जांच की गई। नियमों के उल्लंघन पर 404 चालान किए गए और दो बसें जब्त की गईं। इसके अलावा, पंजाब विधानसभा की कार्यवाही संकेत भाषा में शुरू कर राज्य ने एक नई मिसाल कायम की है, जिससे श्रवण और वाणी बाधित नागरिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग ले पा रहे हैं।
महिलाओं की सुरक्षा और आर्थिक सहायता
राज्य के सभी जिलों में वन स्टॉप सेंटर सक्रिय हैं, जहां हिंसा पीड़ित महिलाओं को मुफ्त चिकित्सा, कानूनी और पुलिस सहायता उपलब्ध कराई जाती है। नवंबर 2025 तक 5121 महिलाओं ने इन सेवाओं का लाभ उठाया है। सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा सुविधा से हर महीने लगभग 1.20 करोड़ महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं, जिसके लिए 450 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
स्वास्थ्य, स्वच्छता और कार्यस्थल समर्थन
27 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों से 13.65 लाख महिलाओं को मुफ्त सेनेटरी पैड वितरित किए गए हैं। डीबीटी के माध्यम से 69,110 गर्भवती और धात्री महिलाओं को 26.06 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। इसके साथ ही, मोहाली, जालंधर और अमृतसर में 150 करोड़ रुपये की लागत से पांच कामकाजी महिला हॉस्टल का निर्माण किया जा रहा है, जो 2026 तक पूरे होंगे।
