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पंजाब सरकार का नया कानून: धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर सख्त सजा का प्रस्ताव

पंजाब सरकार ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के खिलाफ एक नया कानून लाने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें दोषियों के लिए मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रावधान है। यह विधेयक 7 जुलाई को कैबिनेट में चर्चा के लिए रखा जाएगा और यदि मंजूर होता है, तो इसे 10 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। हालिया विरोध प्रदर्शनों ने इस मुद्दे पर तात्कालिक कार्रवाई की आवश्यकता को बढ़ा दिया है। जानें इस प्रस्तावित कानून के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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पंजाब सरकार का नया कानून: धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर सख्त सजा का प्रस्ताव

पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की सुरक्षा के लिए नया कानून

पंजाब न्यूज: पंजाब सरकार ने पवित्र ग्रंथों, विशेषकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब, की बेअदबी के मामलों को रोकने के लिए एक कठोर कानून लाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। प्रस्तावित कानून के तहत, धार्मिक ग्रंथों का अपमान करने वाले व्यक्तियों को मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा मिल सकती है। इस विधेयक पर 7 जुलाई को होने वाली कैबिनेट बैठक में चर्चा की जाएगी, और यदि इसे मंजूरी मिलती है, तो इसे 10 जुलाई से शुरू होने वाले पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में पेश किया जा सकता है। कानून की संवैधानिक वैधता सुनिश्चित करने के लिए इसे पहले ही कानूनी विशेषज्ञों के पास भेजा गया है।


बेअदबी के खिलाफ पहले भी उठाए गए कदम

यह पहली बार नहीं है जब बेअदबी को अपराध मानने का प्रयास किया जा रहा है। अगस्त 2018 में, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने भी इसी तरह का एक विधेयक पेश किया था, जिसमें बेअदबी के दोषियों के लिए आजीवन कारावास का प्रावधान था। यह विधेयक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295 में संशोधन पर आधारित था, लेकिन केंद्र ने इसे वापस कर दिया और राज्य को एक नया कानून तैयार करने की सलाह दी।


वर्तमान कानूनी ढांचे की स्थिति

बीएनएस 2023 के तहत:

  • भारतीय न्याय संहिता, 2023 में धार्मिक भावनाओं से संबंधित अपराधों के लिए हल्के दंड का प्रावधान है:
  • धारा 298: पूजा स्थलों को नुकसान पहुंचाने पर 2 साल तक की जेल या जुर्माना
  • धारा 299: जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने पर 3 साल तक की जेल या जुर्माना
  • धारा 300: धार्मिक समारोह में बाधा डालने पर 1 वर्ष तक की जेल या जुर्माना
  • हालांकि, इनमें से कोई भी प्रावधान आजीवन कारावास या मृत्युदंड की अनुमति नहीं देता है, जिसे पंजाब सरकार अब लागू करने का इरादा रखती है।


विरोध प्रदर्शनों का प्रभाव

पटियाला के समाना क्षेत्र में हाल ही में हुए एक बड़े विरोध प्रदर्शन ने सख्त कानूनी उपायों की मांग को तेज कर दिया है। एक सेवानिवृत्त सैनिक, गुरजीत सिंह, ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करने के लिए मृत्युदंड की मांग करते हुए बीएसएनएल टेलीकॉम टावर पर चढ़ गए। इस नाटकीय प्रदर्शन ने भगवंत मान सरकार पर ठोस विधायी कार्रवाई करने का दबाव बढ़ा दिया है।


कानूनी समीक्षा की प्रक्रिया

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सख्त सजा का समर्थन किया है, लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) के कानूनी सलाहकारों ने चिंता व्यक्त की है कि मृत्युदंड का प्रावधान अदालत में चुनौती का सामना कर सकता है। भविष्य में किसी भी कानूनी विवाद से बचने के लिए, राज्य के गृह विभाग ने मसौदा कानून को वरिष्ठ कानूनी सलाहकारों के पास जांच के लिए भेजा है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विधेयक न्यायिक समीक्षा के दौरान टिक सके और इसकी वैधता को चुनौती नहीं दी जा सके।