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पंजाब सरकार ने कोल्डरिफ सिरप पर लगाया प्रतिबंध, 21 बच्चों की मौत का मामला

पंजाब सरकार ने कोल्डरिफ सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके कारण देशभर में 21 बच्चों की मौत हो चुकी है। यह सिरप जहरीले रसायनों से भरा हुआ पाया गया है, जिससे कई राज्यों ने पहले ही इसे बैन कर दिया था। स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की बात कही है। केंद्र सरकार भी इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और स्वास्थ्य मंत्री के बयान।
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पंजाब सरकार ने कोल्डरिफ सिरप पर लगाया प्रतिबंध, 21 बच्चों की मौत का मामला

कोल्डरिफ सिरप पर प्रतिबंध


इस जहरीली सिरप से देश भर में हो चुकी 21 बच्चों की मौत, मध्यप्रेदश, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्य लगा चुके प्रतिबंध


चंडीगढ़ से मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब सरकार ने कोल्डरिफ कफ सिरप की बिक्री, वितरण और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय तब लिया गया जब इस सिरप के दुष्प्रभावों के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में 21 बच्चों की मौत हो चुकी है।


सिरप के नमूनों की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि इसमें जहरीला रसायन मौजूद है। इसके चलते कई राज्यों ने पहले ही इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। जांच में पाया गया कि सिरप में डाइइथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा 46.28% है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है। यह सिरप स्रेसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित किया गया था और इसकी वैधता अप्रैल 2027 तक बताई गई थी।


पंजाब में इसे तुरंत बैन करने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि यह सिरप मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की हालिया मौतों से जुड़ा हुआ है।


स्वास्थ्य मंत्री का बयान

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि कोल्ड्रिफ सिरप बच्चों की मौत का कारण बना है, जो एक दुखद घटना है। उन्होंने बताया कि पंजाब में इस सिरप की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। सभी ड्रग्स इंस्पेक्टरों और सिविल सर्जनों को निर्देश दिए गए हैं कि इस सिरप को न खरीदा और न बेचा जाए।


उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी अस्पतालों में आने वाली सभी दवाओं की पहले टेस्टिंग की जाती है, इसलिए लोग बिना डर के दवाओं का उपयोग कर सकते हैं।


केंद्र सरकार की कार्रवाई

केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौतों के बाद इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।


इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने खांसी की दवाओं की गुणवत्ता और उचित उपयोग पर चर्चा की।