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पलवल के तौफिक की आईएसआई से जासूसी का मामला

हरियाणा के पलवल से तौफिक नामक युवक को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिसमें यह सामने आया है कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था। तौफिक ने पिछले तीन वर्षों में वॉट्सऐप और कॉलिंग के माध्यम से खुफिया जानकारी भेजी। पुलिस की जांच में यह भी पता चला है कि उसने बीएसएफ जवान और अन्य नागरिकों की संवेदनशील जानकारी भी पाकिस्तान भेजी। जानें तौफिक की गिरफ्तारी की पूरी कहानी और उसके जाल के बारे में।
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पलवल के तौफिक की आईएसआई से जासूसी का मामला

पुलिस की जांच में सामने आया सच


पलवल से गिरफ्तार तौफिक का जासूसी नेटवर्क
पुलिस ने हरियाणा के पलवल से तौफिक नामक युवक को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद से लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। क्राइम ब्रांच की जांच में यह पता चला है कि तौफिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था और वह वहां खुफिया जानकारी भेजता था। इसके लिए उसने वॉट्सऐप और कॉलिंग का सहारा लिया।


तौफिक की गिरफ्तारी की कहानी

तौफिक को 26 सितंबर को पलवल के गांव आली-मेव से पकड़ा गया। इससे पहले, अलकायदा के एक आतंकी अब्दुल रहमान को हरियाणा पुलिस ने मार्च में गिरफ्तार किया था। अब्दुल रहमान फिलहाल नीमका जेल में बंद है। पुलिस ने तौफिक के अलावा तीन अन्य आरोपियों को भी जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है।


जासूसी में शामिल अन्य जानकारी

जांच में यह भी सामने आया है कि तौफिक ने एक बीएसएफ जवान और पलवल के एक नागरिक की संवेदनशील जानकारी भी पाकिस्तान भेजी थी। हालांकि, जिन व्यक्तियों की जानकारी भेजी गई, उनके नाम पुलिस ने सार्वजनिक नहीं किए हैं।


पाकिस्तान यात्रा का रहस्य

तौफिक, जो पलवल के आलीमेव गांव का निवासी है, 2022 में अपनी सास के साथ पाकिस्तान गया था। वहां उसकी मुलाकात दिल्ली स्थित पाकिस्तान एम्बेसी के अधिकारी दानिश से हुई। भारत लौटने के बाद, तौफिक ने दिल्ली में दानिश से फिर से मुलाकात की।


पुलिस की जांच में प्रगति

पुलिस ने तौफिक के फोन से कुछ संवेदनशील नंबरों की चैट डिलीट पाई है। इन नंबरों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। पुलिस अब साइबर एक्सपर्ट की मदद से इन चैट्स को रिकवर करने का प्रयास कर रही है ताकि जासूसी के इस नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।


तौफिक का जाल

तौफिक हथीन लघु सचिवालय में पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज बनवाने का काम करता था। वह पाकिस्तान में रिश्तेदारों से मिलने वाले लोगों को वीजा दिलवाने में मदद करता था और इसके लिए वह 15 से 20 हजार रुपए की फीस लेता था। पुलिस को तौफिक के फोन में 12 पाकिस्तानी नंबर मिले हैं, जिनसे वह कॉल करता था।