पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्तों में नई शुरुआत: इशाक डार का ढाका दौरा

पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों की मजबूती
पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंध: पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने शनिवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में दो दिवसीय यात्रा की शुरुआत की। उनका मुख्य उद्देश्य शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों को पुनः सुदृढ़ करना है। यह यात्रा 2012 के बाद किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली यात्रा है, जिसे इस्लामाबाद ने द्विपक्षीय संबंधों में एक "महत्वपूर्ण कदम" माना है। डार का विशेष विमान ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा, जहां विदेश सचिव असद आलम सियाम ने उनका स्वागत किया।
नई शुरुआत की ओर
इशाक डार की यह यात्रा 2012 में हिना रब्बानी खार की यात्रा के बाद पहली बार हो रही है, जब उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्लामाबाद में शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया था। अब लगभग 12 साल बाद, यह यात्रा एक नई शुरुआत के रूप में देखी जा रही है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने संकेत दिया है कि रविवार को होने वाली उच्च स्तरीय वार्ता में कई समझौतों और समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।
संभावित बैठकें
डार की मुलाकात अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मुहम्मद यूनुस से होने की संभावना है। इसके अलावा, वह बीएनपी अध्यक्ष खालिदा जिया और जमात-ए-इस्लामी के नेताओं से भी मिल सकते हैं। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के अनुसार, इन बैठकों में द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होगी। यह यात्रा पहले अप्रैल में होनी थी, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक संबंधों में तनाव के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। हालांकि, उसी समय पाकिस्तानी विदेश सचिव आमना बलूच ने ढाका जाकर राजनयिक परामर्श की शुरुआत की थी।
चीन के साथ संबंध
ढाका पहुंचने से पहले, डार ने हाल ही में बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं ने औद्योगिक, कृषि और खनन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। इस्लामाबाद में हुई रणनीतिक वार्ता के छठे दौर में पाकिस्तान और चीन ने सीपीईसी 2.0, व्यापार और बहुपक्षीय सहयोग जैसे मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया। डार और वांग यी की इस मुलाकात के बाद बांग्लादेश यात्रा को एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
भारत के लिए नई चुनौती?
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान, भारत के पारंपरिक सहयोगियों के करीब जाकर एक रणनीतिक चाल चल रहा है। भारत और बांग्लादेश के रिश्ते शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद कमजोर हुए हैं, जबकि चीन के साथ भारत के संबंध गलवान झड़प के बाद तनावपूर्ण रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश के साथ संबंध सुधारकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर सकता है।
आगे की चुनौतियां
हालांकि, पाकिस्तान की राह इतनी आसान नहीं है। बांग्लादेश में अगले साल आम चुनाव होने वाले हैं। यदि सत्ता परिवर्तन हुआ और भारत समर्थक नेतृत्व वापस आया, तो पाकिस्तान की कोशिशें नाकाम हो सकती हैं। साथ ही, भारत और चीन के बीच हाल के दिनों में रिश्तों में सुधार देखा गया है। प्रधानमंत्री मोदी जल्द ही चीन में होने वाली एससीओ बैठक में शामिल होंगे, जिससे दोनों देशों के बीच संवाद और बढ़ सकता है।