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पाकिस्तान की कश्मीर मुद्दे पर नई रणनीति: UNSC में खुली बहस की तैयारी

पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वैश्विक विवादों की सूची में शामिल करने की कोशिश कर रहा है। वह एक खुली बहस आयोजित करने की योजना बना रहा है, जिसमें कश्मीर का मुद्दा उठाने का प्रयास किया जाएगा। भारत इसे द्विपक्षीय मुद्दा मानता है और पूर्व राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान की चालों को विफल करने की बात कही है। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है।
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पाकिस्तान की कश्मीर मुद्दे पर नई रणनीति: UNSC में खुली बहस की तैयारी

कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की नई चाल

कश्मीर मुद्दा और UNSC: पाकिस्तान, जो भारत का पड़ोसी और प्रतिकूल देश है, कश्मीर के मुद्दे को लेकर लगातार सक्रिय है। अब वह इसे वैश्विक विवादों की सूची में शामिल करने की कोशिश कर रहा है, जबकि भारत इसे द्विपक्षीय समस्या मानता है। हाल ही में पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक महीने की अध्यक्षता सौंपी गई थी, जो अब समाप्त होने वाली है।


पाकिस्तान की योजना

कश्मीर मुद्दे पर पाक की नई चाल

पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक खुली बहस आयोजित करने की योजना बना रहा है, जिसमें वह वैश्विक विवादों पर चर्चा करेगा। उसकी कोशिश है कि कश्मीर का मुद्दा भी इस बहस में शामिल हो सके। सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VI के अंतर्गत होगा, जिसमें विवादों को शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाने पर जोर दिया गया है।


UN में पाकिस्तान की मंशा

UN में करना क्या चाहता है पाक?

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान इस बहस के बाद एक प्रस्ताव पेश करने की योजना बना रहा है, जिसमें सभी सदस्य देशों से संघर्षों को राष्ट्रों से अलग करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के तंत्रों का उपयोग करने का आग्रह किया जाएगा। इस प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर का स्पष्ट उल्लेख नहीं होगा, क्योंकि स्थायी बोर्ड की ओर से वीटो का खतरा है। यूएनएससी के प्रस्ताव को कम से कम 9 सदस्यों का समर्थन चाहिए और किसी भी स्थायी सदस्य द्वारा वीटो नहीं होना चाहिए।


भारत की प्रतिक्रिया

भारत हर चाल को करेगा विफल!

भारत के पूर्व राजदूत सैयद अकबरुद्दीन का कहना है कि पाकिस्तान का प्रस्ताव सामान्य सिद्धांतों पर आधारित होगा ताकि किसी भी सदस्य देश की आपत्तियों से बचा जा सके। पाकिस्तान यह भी जानता है कि चीन को छोड़कर अन्य स्थायी सदस्य कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा मानते हैं।

इसके अलावा, पाकिस्तान 5 मई को होने वाली इस खुली बहस के दौरान संयुक्त राष्ट्र और इस्लामिक सहयोग संगठन के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। ओआईसी में 57 सदस्य हैं, जो पाकिस्तान का समर्थन करते हैं।