पाकिस्तान की संसद में हंगामा: सांसद ने अमेरिका-इजरायल के साथ समझौते का लगाया आरोप

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में हंगामा
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में उस समय हलचल मच गई जब एक सांसद ने गंभीर आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने अपने एयरबेस और बंदरगाहों को अमेरिका और इजरायल को ईरान के खिलाफ उपयोग करने के लिए सौंपने का समझौता किया है। इस खुलासे ने पाकिस्तान की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है, खासकर जब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में ईरान के साथ संबंधों को मजबूत करने की बात की थी।
सांसद का सनसनीखेज आरोप
नेशनल असेंबली में मचा हंगामा
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी सांसद साहिबजादा हामिद रजा ने संसद में यह गंभीर आरोप लगाया कि पाकिस्तान की सेना और सरकार ने अमेरिका के साथ गुप्त समझौता किया है। उन्होंने कहा, “आप (जनरल आसिम मुनीर और पाक सरकार) पाकिस्तान के एयरबेस और बंदरगाह अमेरिका और इजरायल को ईरान के खिलाफ सौंप रहे हैं। आपके विदेशों में फ्लैट और संपत्तियां हैं। अगर पाकिस्तान के साथ कुछ गलत हुआ तो, भगवान न करे, आप मुशर्रफ की तरह देश छोड़कर भाग जाएंगे।” इस बयान ने न केवल संसद में तीखी बहस को जन्म दिया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी चर्चा शुरू हो गई है.
ईरान के साथ दोस्ती पर सवाल
ईरान के साथ दोस्ती पर सवाल
यह विवाद तब और बढ़ गया जब हाल ही में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तेहरान की यात्रा के दौरान ईरान को “भाई” करार दिया था। उन्होंने हर परिस्थिति में ईरान के साथ खड़े रहने का वादा किया था। लेकिन साहिबजादा हामिद रजा के आरोपों ने इस दोस्ती पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रजा ने कहा कि पाकिस्तान अपने मित्र देश ईरान की पीठ में छूरा भोंक रहा है। उन्होंने दावा किया, “पूरे अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस सौदे की चर्चा हो रही है।”
सेना प्रमुख और सरकार पर हमला
सेना प्रमुख और सरकार पर हमला
साहिबजादा हामिद रजा ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर और शहबाज शरीफ सरकार को सीधे निशाने पर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सौदा राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है और इससे पाकिस्तान की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। रजा ने चेतावनी दी कि यदि इस समझौते के परिणामस्वरूप कोई संकट उत्पन्न हुआ, तो इसके जिम्मेदार नेता देश छोड़कर भाग सकते हैं, जैसा कि पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने किया था.
मुस्लिम देशों से अपील
मुस्लिम देशों से की ये अपील
रजा ने मुस्लिम देशों से अपील की कि वे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत इजरायल के खिलाफ कठोर कदम उठाएं। उन्होंने इस सौदे को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बताया और पाकिस्तान की नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए। यह विवाद पाकिस्तान की कूटनीतिक और सुरक्षा नीतियों की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है.