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पाकिस्तान में बाढ़ पर ख्वाजा आसिफ का विवादास्पद बयान

पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें उन्होंने बाढ़ के पानी को आशीर्वाद बताया। उनके इस बयान पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। पंजाब में नदियों का खतरा बढ़ रहा है, जिससे खाद्य संकट की आशंका भी जताई जा रही है। जानें इस स्थिति पर और क्या कहा गया है।
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पाकिस्तान में बाढ़ पर ख्वाजा आसिफ का विवादास्पद बयान

ख्वाजा आसिफ का बयान

ख्वाजा आसिफ का बयान: पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है। पंजाब प्रांत में अब तक 33 लोगों की जान जा चुकी है, 2,200 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं और लगभग सात लाख लोग बेघर हो चुके हैं। इस संकट के बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का एक बयान चर्चा का विषय बन गया है।


एक स्थानीय समाचार चैनल पर बातचीत के दौरान, ख्वाजा आसिफ ने कहा कि बाढ़ का पानी लोगों के लिए आशीर्वाद के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि, 'इस पानी को स्टोर करना चाहिए। जो लोग सड़क पर बैठे हैं, उन्हें इसे अपने घर ले जाकर जमा करना चाहिए।' उन्होंने आगे कहा कि इस पानी को आशीर्वाद के रूप में लेना चाहिए और इसके लिए बड़े डैम बनाने की आवश्यकता है, जिसमें आठ से दस साल लग सकते हैं।




पंजाब में नदियों का खतरा

पंजाब में नदियों का खतरनाक स्तर


यह बयान ऐसे समय में आया है जब पंजाब में सतलुज, चेनाब और रावी नदियां खतरनाक स्तर पर बह रही हैं और स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। अब तक बारिश और बाढ़ के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हुए हैं।


सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर वायरल


ख्वाजा आसिफ का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया है। एक्स पर साझा किए गए वीडियो में उनके बयान को सुनकर कई यूजर्स ने व्यंग्य किया। एक यूजर ने लिखा, 'पाकिस्तान वालों की सोच देख रहे हो बिनोद।' दूसरे ने कहा कि पाकिस्तान के पास कोई विकल्प नहीं है। तीसरे यूजर ने टिप्पणी की, 'इनकी बुद्धिमता के क्या कहने, आखिर वैज्ञानिक लोग हैं।' वहीं चौथे यूजर ने लिखा, 'बेचारे मानसिक रोगी हो गए हैं।'


खाद्य संकट की आशंका

खाद्य संकट की आशंका 


पंजाब प्रांत पाकिस्तान का सबसे बड़ा कृषि क्षेत्र है और यहां की तबाही से खाद्य संकट की आशंका बढ़ गई है। 2022 की बाढ़ में लाखों हेक्टेयर फसलें नष्ट हुई थीं और इस बार हालात उससे भी खराब बताए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि राहत और पुनर्वास कार्य जल्द नहीं किए गए, तो पाकिस्तान को गंभीर आर्थिक और मानवीय संकट का सामना करना पड़ सकता है।