पानीपत में ईडी की बड़ी कार्रवाई: 190 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी का खुलासा

ईडी की छापेमारी से मचा हड़कंप
पानीपत में ईडी की कार्रवाई: 190 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी का मामला उजागर, 12 स्थानों पर छापे: हरियाणा के पानीपत और दिल्ली-एनसीआर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। 5 जून को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत, ईडी ने पानीपत, दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा में 12 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।
यह कार्रवाई श्री सिद्धदाता इस्पात प्राइवेट लिमिटेड और इससे जुड़े 190 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी के मामले में की गई। इस छापेमारी ने न केवल वित्तीय अनियमितताओं का पर्दाफाश किया है, बल्कि स्थानीय समुदाय में भी हड़कंप मचा दिया है।
ईडी की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई के दौरान कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी में आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और संपत्तियों से संबंधित कागजात जब्त किए गए।
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि इन दस्तावेजों में 30 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों की जानकारी शामिल है, जो कथित तौर पर अवैध तरीके से अर्जित की गई थीं। इसके अलावा, ईडी ने एक बैंक खाते में जमा 59 लाख रुपये की राशि को फ्रीज कर दिया है ताकि इसे कहीं और ट्रांसफर न किया जा सके। यह राशि संभवतः बैंक धोखाधड़ी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा हो सकती है।
यह कार्रवाई वित्तीय अपराधों पर नियंत्रण पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। श्री सिद्धदाता इस्पात प्राइवेट लिमिटेड पर आरोप है कि उसने बैंकों के साथ धोखाधड़ी करके करोड़ों रुपये की हेराफेरी की।
ईडी की इस जांच ने न केवल कंपनी के काले कारनामों का पर्दाफाश किया है, बल्कि यह भी स्पष्ट किया है कि मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति कितनी प्रभावी है। स्थानीय लोग और कारोबारी समुदाय इस कार्रवाई को बारीकी से देख रहे हैं, और उम्मीद जताई जा रही है कि दोषियों को जल्द सजा मिलेगी।