पानीपत में साइबर ठगी: फेसबुक पर शुरू हुआ 1 करोड़ का घोटाला

पानीपत में साइबर ठगी का मामला
पानीपत साइबर ठगी: फेसबुक पर शुरू हुआ 1 करोड़ का घोटाला: पानीपत में एक बार फिर से सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले अपराधों का खुलासा हुआ है। दीनानाथ कॉलोनी के निवासी मुकेश कुमार को एक महिला ने फेसबुक और व्हाट्सएप पर बातचीत करके अपने जाल में फंसाया। उसने 40% मुनाफे का लालच देकर तीन महीनों में 1 करोड़ 16 लाख रुपये से अधिक की ठगी की। न तो मुनाफा मिला और न ही पैसा वापस हुआ। यह ठगी कैसे शुरू हुई, आइए जानते हैं।
साइबर ठगी की शुरुआत फेसबुक से
मुकेश को फेसबुक पर अदिति शर्मा नाम की एक महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली। उसने इसे स्वीकार किया और बातचीत शुरू हुई, जो जल्द ही व्हाट्सएप पर चली गई। अदिति ने मुकेश को निवेश का लालच दिया, जिसमें 40% मासिक मुनाफा देने का वादा किया गया। छोटी रकम से शुरुआत करके उसने मुकेश का विश्वास जीत लिया, जिससे एक सुनियोजित साइबर ठगी का जाल बिछ गया।
छोटी रकम से बड़ी ठगी तक का सफर
मुकेश ने 24 फरवरी को पहले 15,000 और फिर 4,999 रुपये भेजे। इसके बाद 26 फरवरी को उनके खाते में 4,950 रुपये वापस आए, जिसने उनका विश्वास और बढ़ा दिया। अदिति ने उन्हें और निवेश के लिए प्रेरित किया। मुकेश ने अपने, दोस्तों और परिवार के खातों से 24 फरवरी से 31 मई तक कुल 1 करोड़ 16 लाख 700 रुपये भेज दिए। लेकिन इसके बाद न तो मुनाफा मिला और न ही पैसा वापस हुआ। जब अदिति से संपर्क टूट गया, तब मुकेश को ठगी का एहसास हुआ।
मुकेश ने तुरंत साइबर थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने उनकी शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया। यह घटना न केवल मुकेश के लिए एक सबक है, बल्कि यह सोशल मीडिया पर अजनबियों पर भरोसा करने की खतरनाक प्रवृत्ति को भी उजागर करती है। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन ठगों का पता लगाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। साइबर अपराध के बढ़ते मामलों में यह एक और चेतावनी है।
साइबर ठगी से बचने के उपाय
पानीपत में हुई इस साइबर ठगी की घटना हमें सतर्क रहने की आवश्यकता का एहसास कराती है। सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से बातचीत और निवेश के लालच में पड़ना खतरनाक हो सकता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि किसी भी ऑनलाइन निवेश से पहले उसकी सत्यता की जांच करना आवश्यक है। बैंक खाता विवरण या पैसे भेजने से पहले पूरी जानकारी लेना जरूरी है। यह घटना हमें डिजिटल दुनिया में सावधानी बरतने का सबक देती है। पानीपत जैसे छोटे शहरों में भी साइबर क्राइम का खतरा बढ़ रहा है, और जागरूकता ही इसका सबसे बड़ा हथियार है।
इस घटना ने न केवल मुकेश का विश्वास तोड़ा, बल्कि यह सवाल भी उठाया कि क्या हम डिजिटल युग में सुरक्षित हैं? साइबर ठगी से बचने के लिए हमें जागरूक और सतर्क रहना होगा। यह कहानी हर उस व्यक्ति के लिए चेतावनी है जो ऑनलाइन लालच में जल्दबाजी करता है।