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पार्थ सारथी यौन शोषण मामले में नया मोड़, जज ने खुद को किया अलग

पार्थ सारथी, जो श्री शारदा भारतीय प्रबंधन संस्थान के निदेशक हैं, पर छात्राओं के यौन शोषण का आरोप है। पटियाला हाउस कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले जज ने खुद को मामले से अलग कर लिया। यह मामला अब डिस्ट्रिक्ट जज के पास जाएगा। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की कहानी।
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पार्थ सारथी यौन शोषण मामले में नया मोड़, जज ने खुद को किया अलग

पार्थ सारथी का मामला पटियाला हाउस कोर्ट में

नई दिल्ली। श्री शारदा भारतीय प्रबंधन संस्थान के निदेशक चैतन्यानंद सरस्वती, जिन्हें पार्थ सारथी के नाम से भी जाना जाता है, पर छात्राओं के यौन शोषण का आरोप है। आज पटियाला हाउस कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन इससे पहले ही मामले में एक नया मोड़ आ गया। एडिशनल जज अतुल अहलावत ने इस केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। अब यह मामला लंच के बाद डिस्ट्रिक्ट जज के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, पार्थ सारथी पर दिल्ली के वसंत कुंज स्थित संस्थान की 17 से अधिक छात्राओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। आरोपों के बाद वह दो महीने तक पुलिस से बचते रहे और लंदन के एक नंबर से छात्राओं से संपर्क में रहे। दिल्ली पुलिस ने उन्हें 27 सितंबर को आगरा के एक होटल से गिरफ्तार किया था, जहां से उनके पास एक मोबाइल और टैबलेट भी बरामद किया गया था। उन्हें 28 सितंबर को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया। बाद में, 3 अक्टूबर को उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

जमानत याचिका पर सुनवाई का तनाव

गुरुवार को पार्थ सारथी की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, जिसके चलते कोर्ट में पहले से ही तनाव था। उनके अधिवक्ता अजय बर्मन जमानत की पैरवी कर रहे थे, लेकिन सुनवाई शुरू होने से पहले ही जज ने खुद को इस केस से अलग कर लिया। यह पहली बार नहीं है जब जज अहलावत ने ऐसा किया है; इससे पहले भी उन्होंने पार्थ सारथी की वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। अब इस मामले की सुनवाई डिस्ट्रिक्ट जज के पास स्थानांतरित कर दी गई है。