पीओके में छात्रों का ई-मार्किंग प्रणाली और फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन
पीओके में छात्रों का विरोध
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में छात्रों ने ई-मार्किंग प्रणाली और बढ़ी हुई फीस के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। मुजफ्फराबाद से मीरपुर तक चल रहे इस प्रदर्शन में एक वीडियो में देखा गया कि एक बंदूकधारी छात्रों पर गोलीबारी कर रहा है, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। गुस्साए छात्रों ने टायर जलाए और तोड़फोड़ की। यह आंदोलन 30 अक्टूबर को घोषित इंटरमीडिएट परीक्षा परिणामों में गड़बड़ी के बाद भड़का। यह इस वर्ष पीओके में दूसरा बड़ा आंदोलन है, इससे पहले सब्सिडी को लेकर भी भारी हिंसा हुई थी.
जेन-जेड का हिंसक विरोध
यह आंदोलन एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है, क्योंकि छात्रों ने आगजनी और तोड़फोड़ की, साथ ही पाकिस्तान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यह प्रदर्शन दक्षिण एशियाई देशों नेपाल और बांग्लादेश में जेन-जेड के विरोध प्रदर्शनों के समान है। मुजफ्फराबाद के एक प्रमुख विश्वविद्यालय में बढ़ती फीस और बेहतर सुविधाओं की मांग को लेकर यह विरोध शुरू हुआ। जैसे-जैसे आंदोलन बढ़ा, प्रशासन ने विश्वविद्यालय में राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया। जनवरी 2024 में भी इसी तरह का एक आंदोलन हुआ था, जिसमें छात्रों ने सेमेस्टर फीस के नाम पर भारी वसूली का आरोप लगाया। इसके बाद, पीओके के शिक्षण और प्रशासनिक कर्मचारी भी अपने लंबे समय से लंबित वेतन वृद्धि की मांग को लेकर इस विरोध में शामिल हो गए।
छात्रों की मांगें
इस बार, इंटरमीडिएट के छात्र भी इस विरोध में शामिल हो गए हैं। उनकी शिकायत है कि नए शैक्षणिक वर्ष में मैट्रिक और इंटरमीडिएट स्तर पर एक नई ई-मार्किंग या डिजिटल मूल्यांकन प्रणाली लागू की गई है। 30 अक्टूबर को छह महीने की देरी के बाद, पीओके में इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष की परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए गए। हालांकि, स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, छात्रों ने अप्रत्याशित रूप से कम अंक मिलने की शिकायत की, जिससे आक्रोश फैल गया, जिसका कारण उन्होंने ई-मार्किंग प्रणाली को बताया।
