पुडुचेरी में ट्रेड यूनियनों का एक दिवसीय बंद, जनजीवन पर पड़ा असर

पुडुचेरी में ट्रेड यूनियनों का एक दिवसीय बंद
पुडुचेरी: 9 जुलाई को, विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने पुडुचेरी में एक दिवसीय बंद का आयोजन किया है। यह बंद नए श्रम कानूनों की वापसी और युवाओं को रोजगार देने की 21 सूत्रीय मांगों के समर्थन में किया गया है। इस बंद के कारण शहर की गतिविधियाँ ठप हो गई हैं।
कर्मचारी केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर इस बंद का समर्थन कर रहे हैं। जनजीवन पर इस बंद का गहरा प्रभाव पड़ा है, जिससे पूरा शहर प्रभावित हुआ है।
इस बंद का नेतृत्व एआईटीयूसी, सीआईटीयू, टीओएमयूएसए और आईएनटीयूसी जैसी प्रमुख ट्रेड यूनियनों द्वारा किया जा रहा है। यूनियनों की मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए श्रम कानूनों को तुरंत वापस लिया जाए।
इसके अतिरिक्त, मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये निर्धारित करने, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को समान कार्य के लिए समान वेतन देने, और पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की भी मांग की जा रही है।
यह बंद बुधवार सुबह 6 बजे से शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक जारी रहेगा। इस दौरान प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं। भारतीय गठबंधन दलों ने भी इस बंद का समर्थन किया है, जिसके चलते शहर के छह स्थानों पर धरना प्रदर्शन हो रहा है।
बंद का प्रभाव शहर की परिवहन व्यवस्था पर भी पड़ा है। आज ऑटो, टेम्पो और निजी बसें सड़कों से गायब रहीं, जबकि कुछ सरकारी बसें ही पुलिस सुरक्षा के साथ चलाई जा रही हैं। व्यापारिक गतिविधियों पर भी इसका सीधा असर देखने को मिला है।
पुडुचेरी के प्रमुख बाजार क्षेत्रों जैसे गूबर अंगाड़ी, नेहरू रोड, अन्ना सलाई और कामराज सलाई में सभी दुकानें बंद रहीं। इसके अलावा, कुछ निजी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। शहर के सिनेमा हॉल में दिन के समय की फिल्में भी रद्द कर दी गई हैं।