पुणे की छात्रा शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी: विवादित वीडियो ने बढ़ाई बहस

शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी
शर्मिष्ठा पनोली: पुणे की लॉ की छात्रा और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को कोलकाता पुलिस ने हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है। उन पर 'ऑपरेशन सिंदूर' से संबंधित एक विवादास्पद वीडियो में आपत्तिजनक और सांप्रदायिक टिप्पणी करने का आरोप है। इस घटना ने सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जिम्मेदार व्यवहार पर बहस को फिर से जन्म दिया है। शनिवार को शर्मिष्ठा को कोलकाता की अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां कानूनी प्रक्रिया शुरू हुई।
ऑपरेशन सिंदूर पर विवादित वीडियो
यह मामला तब शुरू हुआ जब 22 वर्षीय शर्मिष्ठा पनोली, जो पुणे के एक प्रतिष्ठित लॉ विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रही हैं, ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया। इस वीडियो में उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बॉलीवुड सितारों की चुप्पी पर सवाल उठाया और एक विशेष धर्म के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। वीडियो में शर्मिष्ठा ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तानी ट्रोल का जवाब देते हुए 72 हूर और इस्लाम के पैगंबर के बारे में अपमानजनक बातें की थीं, जो अब हटा दी गई हैं। यह वीडियो पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सैन्य कार्रवाई पर सवाल उठाने वाले एक पाकिस्तानी यूजर के जवाब में पोस्ट किया गया था। वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया और कई यूजर्स ने इसे भड़काऊ और असंवेदनशील बताया।
कोलकाता पुलिस की कार्रवाई
वीडियो के खिलाफ कोलकाता के गार्डनरीच थाने में शिकायत दर्ज की गई, जिसमें कहा गया कि शर्मिष्ठा पनोली ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई। कोलकाता पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 196(1)(A), 299, और 353(2) के तहत एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने शर्मिष्ठा और उनके परिवार को कई बार कानूनी नोटिस भेजने की कोशिश की, लेकिन जवाब न मिलने और उनके लापता होने की सूचना के बाद अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इसके आधार पर कोलकाता पुलिस की एक टीम ने 1500 किलोमीटर की यात्रा कर शुक्रवार देर रात शर्मिष्ठा को गुरुग्राम से हिरासत में लिया। उन्हें गुरुग्राम की एक अदालत में पेश किया गया, जहां से ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाया गया।
माफी और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
विवाद बढ़ने के बाद शर्मिष्ठा ने वीडियो को हटा दिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बिना शर्त माफी मांगी। उन्होंने लिखा कि जो कुछ भी कहा गया वह उनकी निजी भावनाएं हैं और वह जानबूझकर किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहती थीं। इसके बावजूद कोलकाता पुलिस ने कार्रवाई जारी रखी। सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं विभाजित हैं। कुछ लोग #ReleaseSharmishta हैशटैग के साथ उनकी गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बता रहे हैं, जबकि अन्य #ArrestSharmishta के जरिए इस कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं।
कोर्ट में पेशी और आगे की कानूनी प्रक्रिया
शर्मिष्ठा को शनिवार, 31 मई 2025 को कोलकाता की अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया। उनके वकील मोहम्मद समीमुद्दीन ने जमानत याचिका दाखिल की, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार अलीपुर कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। यह मामला अब संवेदनशील विषयों पर सोशल मीडिया पोस्ट की सीमाओं और कानूनी जिम्मेदारी पर बहस का केंद्र बन गया है। शर्मिष्ठा की कानूनी टीम गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने और उनकी माफी को संदर्भ में पेश करने की तैयारी कर रही है।