पुणे में झूठे बलात्कार के आरोप का पर्दाफाश, महिला का परिचित निकला आरोपी

पुणे में बलात्कार का झूठा मामला
हाल ही में पुणे से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब एक युवा महिला आईटी पेशेवर ने बलात्कार का मामला दर्ज कराया। महिला ने आरोप लगाया कि एक व्यक्ति, जो खुद को डिलीवरी बॉय बताकर उसके घर में घुसा, ने नशीला स्प्रे किया और उसके साथ बलात्कार किया। लेकिन पुलिस की त्वरित जांच में यह आरोप पूरी तरह से गलत साबित हुआ।
महिला का आरोप और पुलिस की जांच
महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि एक अजनबी, जो कूरियर डिलीवरी एजेंट के रूप में आया था, ने उसके फ्लैट में घुसकर दरवाज़ा बंद कर दिया और नशीला स्प्रे किया। उसने यह भी कहा कि आरोपी ने उसके मोबाइल से एक सेल्फ़ी ली और धमकी भरा संदेश छोड़ा। लेकिन पुलिस ने जांच शुरू करते ही 24 घंटे के भीतर यह स्पष्ट कर दिया कि यह कहानी झूठी थी। जांच में पता चला कि महिला ने खुद उस व्यक्ति के साथ सेल्फ़ी ली थी और धमकी वाला संदेश भी उसने खुद लिखा था।
आरोपी का असली चेहरा
परिचित निकला युवक
पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि महिला द्वारा दिखाया गया युवक कोई अजनबी नहीं, बल्कि उसका पुराना परिचित था। दोनों एक ही समुदाय से हैं और एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते थे। महिला ने जानबूझकर युवक के चेहरे को एडिट कर उसे अजनबी दिखाने की कोशिश की। डिजिटल फोरेंसिक जांच से यह सब स्पष्ट हो गया।
फोरेंसिक और CCTV जांच से खुली सच्चाई
सच्चाई का खुलासा
पुलिस ने फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से घटनास्थल की जांच की, लेकिन वहां किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ के प्रयोग का कोई प्रमाण नहीं मिला। अपार्टमेंट की डिजिटल एंट्री प्रणाली और सीसीटीवी फुटेज की भी गहन जांच की गई, जिसमें किसी भी अनजान व्यक्ति की एंट्री का कोई सबूत नहीं मिला। इसके अलावा, जिस समय महिला ने घटना का दावा किया, उस दौरान कोई डिलीवरी एजेंट परिसर में नहीं आया था।
महिला के आरोपों का प्रभाव
शहर की छवि पर असर
कमिश्नर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं लग रही है और बलात्कार के आरोप की कानूनी जांच जारी है। इस झूठे आरोप ने पुलिस और शहर की छवि को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि पुणे जैसे सुरक्षित शहर की छवि को झूठे आरोपों से बदनाम करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।