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पुणे में लिफ्ट हादसा: 12 वर्षीय बच्चे की जान गई, सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल

पुणे के चारहोलि बु्द्रुक में एक 12 वर्षीय बच्चे की लिफ्ट में फंसने से मौत हो गई। यह घटना राम स्मृति को-ऑपरेटिव सोसाइटी में हुई, जहां बच्चे ने लिफ्ट के दरवाजे के खुलने पर बाहर निकलने की कोशिश की। दमकल विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्चे को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक जांच में लिफ्ट के रखरखाव में लापरवाही की बात सामने आई है। इस घटना ने लिफ्ट सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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पुणे में लिफ्ट हादसा: 12 वर्षीय बच्चे की जान गई, सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल

पुणे लिफ्ट दुर्घटना का विवरण

Pune Lift Accident: पुणे के चारहोलि बु्द्रुक क्षेत्र में गुरुवार शाम को एक दुखद घटना में 12 वर्षीय अमेय फडतरे की लिफ्ट में फंसने से मौत हो गई। यह हादसा राम स्मृति को-ऑपरेटिव सोसाइटी में लगभग 5 बजे हुआ, जब बच्चा लिफ्ट में खेलते हुए मंजिलों के बीच घूम रहा था। जैसे ही लिफ्ट का दरवाजा खुला, उसने बाहर निकलने की कोशिश की, तभी अचानक लिफ्ट का केबिन नीचे खिसकने लगा और वह दूसरी और तीसरी मंजिल के बीच फंस गया।


दमकल विभाग की त्वरित कार्रवाई

दमकल विभाग की टीम ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर लिफ्ट का कंट्रोल रूम तोड़कर बिजली सप्लाई काटी और केबिन को नीचे लाकर बच्चे को बाहर निकाला। गंभीर रूप से घायल अमेय को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


हादसे का कारण क्या था?

दमकल विभाग के अधिकारियों का मानना है कि लिफ्ट का सेंसर ठीक से काम नहीं कर रहा था, जिसके कारण यह हादसा हुआ। जानकारी के अनुसार, यह इमारत 2014 में बनी थी और लिफ्ट लगभग 11 साल पुरानी थी। प्रारंभिक जांच में लिफ्ट के रखरखाव में लापरवाही की बात सामने आई है।


घटना का समय और विवरण

पुलिस के अनुसार, अमेय लिफ्ट में ऊपर-नीचे जा रहा था और जैसे ही दरवाजा खुला, उसने बाहर निकलने की कोशिश की। उसी समय लिफ्ट का केबिन अचानक नीचे खिसकने लगा, जिससे वह केबिन और फ्लोर के बीच फंस गया। उसकी चीखें सुनकर लोगों ने दमकल विभाग को बुलाया।


पुलिस की तकनीकी जांच

डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस बापू बंगर ने बताया कि दिघी पुलिस इस घटना की तकनीकी पहलुओं से जांच कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि लिफ्ट की मेंटेनेंस रिपोर्ट, AMC अप्रूवल और सेवा प्रदाता की जिम्मेदारी की समीक्षा की जाएगी।


यह घटना न केवल एक मासूम की जान ले गई, बल्कि हाउसिंग सोसाइटी की मेंटेनेंस में खामियों को भी उजागर करती है। यदि समय पर लिफ्ट की जांच और मरम्मत की जाती, तो शायद अमेय आज जीवित होता। इस घटना ने ऊंची इमारतों में लिफ्ट सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।