पूनम जाखड़: सातवीं कोशिश में बनीं वायुसेना की पायलट, NCC से शुरू हुआ सफर

पूनम जाखड़ की प्रेरणादायक यात्रा
भिवानी की पूनम जाखड़ ने 7वीं बार में भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनकर एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने छह बार लिखित परीक्षा और चार बार साक्षात्कार में भाग लिया, अंततः सफलता प्राप्त की।
पूनम, जो हिसार में एनसीसी कैडेट रह चुकी हैं, की यह उपलब्धि उनके परिवार के लिए गर्व का क्षण है और यह युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन गई है। उनकी कहानी यह दर्शाती है कि मेहनत और समर्पण से किसी भी सपने को साकार किया जा सकता है।
पूनम झुंपा सिवानी की निवासी हैं, और उनके परिवार में देशभक्ति की गहरी परंपरा है। उनके परदादा दात्ता राम जाखड़ 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान आजाद हिंद फौज में शहीद हुए थे, जबकि उनके दादा दलीप सिंह भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं। उनके पिता हरियाणा पुलिस में ASI हैं और रोहतक की सुनारिया जेल में तैनात हैं।
पूनम की मां सुनीता एक गृहिणी हैं, और उनका छोटा भाई पारस कनाडा में निवास करता है। पूनम ने सिवानी के श्री कृष्ण प्रणामी स्कूल से 12वीं, जयपुर की नीमस यूनिवर्सिटी से बीएससी, और सिवानी आदर्श कॉलेज से बीएड की पढ़ाई की है।
पायलट बनने का सपना पूनम के मन में 9वीं कक्षा में एनसीसी एयरविंग के दौरान उड़ान भरने से जागा। उन्होंने बताया कि इस जुनून ने उन्हें लगातार मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। छह बार लिखित परीक्षा और चार बार साक्षात्कार में असफलता के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी।
उनकी मेहनत रंग लाई जब AFCAT-2024 में उनका चयन हुआ। पूनम ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, स्कूल के प्रिंसिपल सुनील शर्मा, और एनसीसी की ANO विजय लक्ष्मी को दिया। उनकी ट्रेनिंग 28 जून से सिकंदराबाद की वायुसेना अकादमी में शुरू होगी।
मंगलवार को पूनम ने अपने परिवार के साथ हिसार में 1 हरियाणा एयर एनसीसी के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन एस श्रीनिवासन से मुलाकात की। ग्रुप कैप्टन ने उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि पूनम का यह सफर न केवल एनसीसी कैडेट्स के लिए, बल्कि हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने का जज्बा रखता है।
पूनम की कहानी हरियाणा की बेटियों के लिए एक मिसाल है, जो सिखाती है कि मेहनत और विश्वास से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है।