पेड़ों में छिपा सोने का राज: वैज्ञानिकों की नई खोज

फिनलैंड के वैज्ञानिकों की अद्भुत खोज
हेलसिंकी: क्रिसमस ट्री पर सजावट के लिए हम सोने और चांदी के गहनों का उपयोग करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ पेड़ों पर असली सोना भी पाया जाता है? फिनलैंड के शोधकर्ताओं ने एक चौंकाने वाली खोज की है, जिसमें बताया गया है कि स्प्रूस पेड़ों की सुइयों में सोने के नैनोकण मौजूद होते हैं। यह खोज भविष्य में सोने की खदानों की पहचान करने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकती है।
‘एनवायरनमेंटल माइक्रोबायोम’ जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया है कि ‘नॉर्वे स्प्रूस’ नामक पेड़ अपनी जड़ों के माध्यम से सोने के कणों को अवशोषित करता है। वैज्ञानिकों ने यह अध्ययन यूरोप की सबसे बड़ी सोने की खदान ‘किटिला’ के निकट स्थित पेड़ों पर किया। जांच में पाया गया कि कई पेड़ों की सुइयों में सोने के सूक्ष्म कण मौजूद थे।
यह प्रक्रिया कैसे होती है? अध्ययन की प्रमुख लेखिका कैसा लेहोस्मा ने बताया कि पेड़ अपनी जड़ों के माध्यम से पानी के साथ मिट्टी में घुले सोने के कणों को भी सोख लेते हैं। हालाँकि, सोना पेड़ों के लिए विषैला हो सकता है। इसी कारण, पेड़ों में रहने वाले ‘एंडोफाइट’ नामक बैक्टीरिया मदद करते हैं। ये बैक्टीरिया ‘बायोमिनरलाइजेशन’ प्रक्रिया के जरिए सोने के जहरीले कणों को अलग कर उन्हें कम विषैला बना देते हैं और पत्तियों में जमा कर देते हैं।
हालांकि, सुइयों में सोने की मात्रा इतनी कम होती है कि इससे कोई भी पेड़ काटकर अमीर नहीं बन सकता। लेकिन इस खोज का असली महत्व सोने की खोज में है। वैज्ञानिक अब इन पेड़ों की पत्तियों और उनमें मौजूद बैक्टीरिया का विश्लेषण करके यह पता लगा सकते हैं कि जमीन के नीचे सोने का बड़ा भंडार कहां स्थित है। इससे खनन कंपनियों को नई खदानें खोजने में मदद मिलेगी और यह पर्यावरण के लिए भी एक बेहतर तकनीक साबित होगी।
यह अध्ययन प्रकृति के अनगिनत रहस्यों में से एक को उजागर करता है, जहां सूक्ष्मजीव इंसानों के लिए नई तकनीकें विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।