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प्रधानमंत्री मोदी का असम दौरा: घुसपैठियों पर कड़ा संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के दौरे के दौरान घुसपैठियों पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों के लिए भारत में कोई स्थान नहीं है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। मोदी ने जनता से स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील की और असम की विरासत को बचाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। उनके इस दौरे में उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
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प्रधानमंत्री मोदी का असम दौरा: घुसपैठियों पर कड़ा संदेश

प्रधानमंत्री का असम दौरा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम का दौरा किया, जहां उन्होंने घुसपैठियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि ये घुसपैठिए हमारी माताओं और बहनों पर अत्याचार करते हैं। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि घुसपैठियों के लिए भारत में कोई स्थान नहीं है। जनसांख्यिकी परिवर्तन और घुसपैठ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं, और इसे रोकना अत्यंत आवश्यक है।


घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

प्रधानमंत्री मोदी ने दरांग जिले में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठियों की मदद से जनसांख्यिकी में बदलाव की साजिश की जा रही है। यह साजिश राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार घुसपैठियों को देश के संसाधनों पर कब्जा नहीं करने देगी। भारत के किसानों, युवाओं और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी। घुसपैठिए हमारी माताओं और बहनों के साथ अत्याचार करते हैं, और ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि देश में एक डेमोग्राफी मिशन शुरू किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य घुसपैठियों से देश की रक्षा करना है।


राजनीतिक चुनौती का सामना

मैं चुनौती देता हूं सीना तान कर करूंगा सामना

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह उन राजनेताओं को चुनौती देते हैं जो घुसपैठियों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे चुनौती लेकर आएंगे, तो वह उनका सामना सीना तानकर करेंगे। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों को हटाने में वह अपना जीवन लगा देंगे। जो भी घुसपैठियों का समर्थन करेगा, उसे परिणाम भुगतने होंगे। यह देश उन्हें माफ नहीं करेगा।


असम की विरासत का संरक्षण

असम की विरासत बचाने के लिए हमें मिलकर करना होगा काम

प्रधानमंत्री मोदी ने असम की विरासत को बचाने और विकास के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि असम को विकसित भारत का इंजन बनाना है। उन्होंने जनता से स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का आग्रह किया, जिससे देश का विकास होगा। उन्होंने कहा कि जो भी खरीदेंगे, वह स्वदेशी होना चाहिए। उनके लिए स्वदेशी की परिभाषा यह है कि उत्पाद किसी भी कंपनी का हो, लेकिन उसकी मेहनत भारतीय युवाओं की होनी चाहिए।