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प्रधानमंत्री मोदी का पंजाब दौरा: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का करेंगे निरीक्षण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को पंजाब का दौरा करेंगे, जहां वे बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करेंगे। पिछले सप्ताह केंद्रीय कृषि मंत्री ने भी स्थिति का जायजा लिया था। बाढ़ ने पंजाब में भारी तबाही मचाई है, जिससे फसलों और पशुओं को नुकसान हुआ है। जानें इस बाढ़ के कारणों और राहत कार्यों के बारे में।
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प्रधानमंत्री मोदी का पंजाब दौरा: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का करेंगे निरीक्षण

बाढ़ से प्रभावित पंजाब का हवाई सर्वेक्षण


गुरदासपुर, अमृतसर और तरनतारन जिलों का करेंगे हवाई सर्वेक्षण, पिछले सप्ताह केंद्रीय कृषि मंत्री आए थे पंजाब


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को पंजाब का दौरा करेंगे, जहां वे राज्य में आई बाढ़ की स्थिति का जायजा लेंगे। पिछले सप्ताह केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने भी पंजाब का दौरा किया था। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री का पहला पड़ाव गुरदासपुर होगा, जहां रावी नदी से छोड़े गए पानी ने भारी तबाही मचाई है। इसके बाद वे अमृतसर और तरनतारन के क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी कर सकते हैं।


प्रधानमंत्री 9 सितंबर को दोपहर के समय बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। राज्य के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे की विस्तृत जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी। 16 अगस्त से पंजाब के पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, फिरोजपुर और फाजिल्का जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं, और अब तक 2000 गांव इसकी चपेट में आ चुके हैं।


पंजाब में फसलों का नुकसान बढ़ता जा रहा है

पंजाब में अभी तक 1,74,454 हेक्टेयर फसल बर्बाद


बाढ़ के कारण पंजाब में फसलों का नुकसान लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1,74,454 हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। फाजिल्का, कपूरथला, मानसा, फिरोजपुर, गुरदासपुर और तरनतारन में फसलों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इसके अलावा, हजारों पशु या तो बाढ़ में बह गए हैं या डूबने से उनकी मौत हो गई है। कई घर भी बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों पर अधिक प्रभाव पड़ा है।


बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़ी

बाढ़ में मरने वालों की संख्या हुई 46


राज्य में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 46 तक पहुंच गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पठानकोट से लापता तीन लोगों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। अमृतसर में सात, बरनाला में पांच, बठिंडा में चार, होशियारपुर में सात, गुरदासपुर में दो, लुधियाना में चार, पठानकोट में छह, मानसा में तीन, रूपनगर और मोहाली में 2-2 तथा फाजिल्का, फिरोजपुर, पटियाला और संगरूर में एक-एक व्यक्ति की जान जा चुकी है।


सेना ने राहत कार्यों का जिम्मा संभाला

सेना ने संभाला बचाव कार्यों का मोर्चा


राहत और बचाव कार्यों में जुटे सैन्य बलों ने अपनी टुकड़ियों की संख्या 24 से बढ़ाकर 27 कर दी है। एनडीआरएफ की 23 और एसडीआरएफ की दो टीमें भी लोगों की मदद के लिए सक्रिय हैं। पंजाब सरकार ने 139 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जिनमें 6121 लोगों को सुरक्षित रखा गया है। अब तक राज्य के 1996 गांवों की 3,87,013 आबादी बाढ़ से प्रभावित है।