प्रधानमंत्री मोदी का स्वतंत्रता दिवस भाषण: दिवाली पर जीएसटी में सुधार की घोषणा

प्रधानमंत्री मोदी का स्वतंत्रता दिवस भाषण 2025
प्रधानमंत्री मोदी का स्वतंत्रता दिवस भाषण 2025: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस वर्ष दिवाली पर जीएसटी में महत्वपूर्ण सुधार किया जाएगा, जिससे आम जनता को टैक्स में राहत मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कदम दिवाली को 'दोहरी खुशियों' का अवसर बनाएगा।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देशभर से जीएसटी में बदलाव की मांग उठ रही थी। इस सुधार के बाद रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं सस्ती होंगी और आम आदमी के बजट पर बोझ कम होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस सुधार का सकारात्मक प्रभाव सीधे जनता की जेब पर पड़ेगा।
दिवाली पर देशवासियों को बड़ा तोहफा
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, 'इस दिवाली, मैं आपके लिए इसे दोहरी दिवाली बनाने जा रहा हूं। पिछले आठ वर्षों में, हमने जीएसटी में एक बड़ा सुधार किया है... हम अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार ला रहे हैं। इससे पूरे देश में कर का बोझ कम होगा।' उन्होंने स्पष्ट किया कि नए सुधार पारदर्शी और सरल कर व्यवस्था को बढ़ावा देंगे।
#WATCH | दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, "इस दिवाली, मैं इसे आपके लिए दोहरी दिवाली बनाने जा रहा हूं... पिछले आठ वर्षों में, हमने जीएसटी में एक बड़ा सुधार किया है... हम अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार ला रहे हैं। इससे कर का बोझ कम होगा... pic.twitter.com/2hAPP0CFtH
— मीडिया चैनल (@MediaChannel) 15 अगस्त 2025
विकसित भारत योजना की शुरुआत
जीएसटी सुधार के साथ, पीएम मोदी ने पीएम विकसित भारत योजना का भी शुभारंभ किया। यह योजना बुनियादी सुविधाओं और विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है, ताकि देश के हर नागरिक तक बेहतर सेवाएं और अवसर पहुंच सकें।
सिंधु जल समझौते पर पीएम मोदी का बयान
पीएम मोदी ने अपने भाषण में सिंधु जल समझौते को किसानों के साथ अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा, 'खून और पानी अब एक साथ नहीं बहेंगे। सिंधु नदी का समझौता देश के किसानों के साथ सात दशक से अन्याय कर रहा है। भारत की नदियों का पानी दुश्मनों के खेतों में जा रहा है और मेरे देश की धरती प्यास से तरस रही है। हिंदुस्तान का पानी सिर्फ हिंदुस्तान और इसके किसानों का है।' उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा स्वरूप में यह समझौता न किसानों के हित में है, न राष्ट्रहित में, और भारत इसे स्वीकार नहीं करेगा।